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यानी प्रशासन के इस फैसले के बाद अब लाइसेंसधारक प्रदेशभर में कभी भी आबकारी विभाग की ओर से लाइसेंस की बोली में भाग नहीं ले सकेगा। दरअसल, शाहजहांपुर में रश्मि जोशी के नाम पर जारी देसी शराब के ठेके पर 25 मई 2019 को आबकारी विभाग को ठेके पर लोगों को धोखा देकर नकली शराब बेचे जाने की शिकायत मिली थी। इस शिकायत की पुष्टि होने पर 27 जून को आबकारी की टीम ने ठेके पर छापा मारा कार्रवाई की। इस दौरान 1094 पव्वे कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजे गए। शुरुआती जांच के आधार पर कार्रवाई करते हुए 16 जुलाई को आबकारी विभाग ने लाइसेंस निरस्त कर दिया। बताया जाता है कि वेब आर्सेनिक अलीगढ़ के सहायक आबकारी आयुक्त ने पूरे मामले की जांच की। इसमें दुकान से जब्त पव्वे के ढक्कन, लेबल, क्यूआर कोड नकली पाए गए। इसके साथ ही शराब भी अधोमानक मिली। मानक 36 प्रतिशत वी/वी के स्थान पर 27.4 प्रतिशत वी/वी पाई गई।
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शखए भआध आबकारी विभाग ने शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। शासन ने जिलाअधिकारी को कार्रवाई का दायित्व सौंपा। इसके बाद हाल ही में बीयर लाइसेंस भी निरस्त किया गया। इस पूरे मामले पर जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि शराब बिक्री के लिए नियमावली पहले से निर्धारित है। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में इसे और स्पष्ट किया गया है। लिहाजा, किसी भी स्तर पर मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी।