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मेरठ

500 रुपये की दिहाड़ी पाने वाला फिल्म ‘धूम’ के आइडिया से बन गया इंटरनेशनल चोर किंग, जानिए पूरी स्टोरी

Highlights

मेरठ में अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल चोर गैंग के सरगना ने कबूला
दुबई, नेपाल और चीन की यात्रा कर चुका शरद गोस्वामी
गिरोह के सदस्यों को भी दिखाता था चोरी-लूट की फिल्में

 
 
 

मेरठOct 03, 2019 / 10:33 am

sanjay sharma

meerut
मेरठ। मेरठ पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल चोर और लूट गिरोह के सरगना शरद गोस्वामी समेत सात आरोपियों को को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 280 मोबाइल, छह लैपटॉप, दो शस्त्र लाइसेंस और दो लग्जरी कार बरामद की गई हैं। यह दुबई, नेपाल, चीन समेत कई देशों में चोरी व लूट के मोबाइल ऑनलाइन बेचते थे। सरगना शरद गोस्वामी कई देशों की यात्रा कर चुका है। इस गैंग की मदद करने वाले एक दरोगा और दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
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ऐसे बना अंतर्राष्ट्रीय चोर

गाड़ी चालक महेंद्र गिरि का बेटा शरद गोस्वामी दसवीं तक पढ़ा। 2013 में शरद पास ही खत्ता रोड निवासी बिलाल के संपर्क में आया। वहां वह 500 रुपये की दिहाड़ी पर काम करने लगा। इसके बाद शरद गोस्वामी रशीद नगर निवासी महफूज और मतलूब के संपर्क में आ गया। उसके बाद उसने मोबाइल चोर गिरोह तैयार किया। उस समय मोबाइल का क्रेज बढ़ चुका था। शरद मोबाइल एकत्र करके मुंबई में रहने वाले नदीम को देता था। इसके बाद शरद ने अपनी गाड़ी खरीदी और इसमें गैंग के सदस्य दूसरे राज्यों में मोबाइल चोरी व लूट की घटनाएं करके वापस लौट आते थे।
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फिल्म ‘धूम’ देखकर लिया आइडिया

मोबाइल चोर किंग शरद जब फिल्म ‘धूम’ देखकर थियेटर से बाहर निकला तभी उसने कुछ करने की ठान ली और इसके लिए उसने जुर्म के रास्ते को चुना और बन बैठा मोबाइल चोर किंग। शरद गोस्वामी जैसे शातिर ने धूम की स्क्रिप्ट को अपने दिमाग में बैठा लिया और यहीं से उसके करोड़पति बनने के कहानी की शुरूआत हुई। उसके इस अभियान में उसके परिवार ने भी पूरा सहयोग किया। मां ले लेकर पत्नी तक सभी ने उसके इस काम में हाथ बंटाया। शाहरुख खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के एक डॉयलॉग को शरद ने अपनी जिंदगी का फलसफा बना लिया। वह डायलॉग था दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक विनर्स और दूसरा लूजर्स। जिंदगी हर लूजर को एक मौका जरूर देती है, जिसमें वो विनर बन सकता है। यहीं डायलॉग वो अपने गिरोह के हर सदस्यों से बोला करता था।
गिरोह के सदस्यों को दिखाता था फिल्में

शरद गोस्वामी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके दिमाग में पांच साल पहले यह आइडिया कहां से आया। उसने बताया कि धूम मूवी की सीरीज देखकर करोड़ों कमाने की प्लानिंग की। इसके बाद उसने चोरी और लूट की थीम पर बन रही मूवी को देखकर आइडिया लेता रहा। हाईस्कूल पास शरद लैपटॉप, मोबाइल ऑपरेट करने का मास्टर है। ई-मेल पर ओटीपी और पासवर्ड मंगाकर मोबाइल को आसानी से प्रयोग में लाता था। इतना ही नहीं वह अपने गिरोह के सदस्यों को भी लूट और चोरी की फिल्में दिखाता था। जिससे उन्हें लूट और चोरी के आइडिया आते थे।
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