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मेरठ

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में मछली रखना कैसा होगा

Vastu Tips : फिश एक्वेरियम घर में रहने से कमरे की सुंदरता तो बढ़ती ही है, साथ ही घर के वास्तुदोष भी कम होते हैं। इसमें तैरती छोटी-बड़ी रंग बिरंगी मछलियां मन को शांत रखती हैं
 

मेरठJun 07, 2018 / 11:52 am

sanjay sharma

meerut

आपके जीवन में ये मछलियां हैं बहुत जरूरी, इन्हें घर में रखने के रहस्य जानेंगे, तो रह जाएंगे दंग

मेरठ। फिश एक्वेरियम घर में रखना शुभ माना जाता है। ज्याेतिष आैर वास्तुशास्त्री मानते हैं कि मछलियां घर में हों आैर इनकी देखभाल सही ढंग से की जाए, तो घर में खुशहाली आैर छोटी-बड़ी हर बला टल जाती है। एक्वेरियम में यदि कोर्इ मछली मर जाए, तो ज्योतिषीय दृष्टि से यही माना जाता है कि आपकी कुंडली में कोर्इ एेसा ग्रह था, जिसके खराब योग आपको नुकसान पहुंचाने जा रहे थे, लेकिन घर में मछलियां होने से आपकी छोटी-बड़ी परेशानी ये उपर ले लेती हैं, जिससे मछली की मृत्यु हो जाती है। मृत मछली को तुरंत टैंक में से निकालें आैर इसकी जगह दूसरी मछली इसमें रखें। घर में फिश एक्वेरियम के लिए मछलियों की कीमत 50 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक है। लोग अपनी जेब के मुताबिक वहन कर सकता है।
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घर में फिश एक्वेरियम से एेसे बदलेगा जिंदगी

फिश एक्वेरियम घर में रहने से कमरे की सुंदरता तो बढ़ती ही है, साथ ही घर के वास्तुदोष भी कम होते हैं। इसमें तैरती छोटी-बड़ी रंग बिरंगी मछलियां मन को शांत रखती हैं। एक्वेरियम में नौ मछलियां रखना शुभ माना जाता है। प्रत्येक मछली कुंडली के नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए एक्वेरियम में नौ मछलियों से कम नहीं होनी चाहिए। इनमें आठ मछलियां सुनहरे या लाल रंग की होनी चाहिए आैर एक काले रंग की मछलियां होनी चाहिए। एक्वेरियम के लिए मछलियां खरीदने जाएंगे, तो मछलियां जोड़े के तौर बेची-खरीदी जाती हैं, इसलिए यह संख्या फिश टैंक के अनुसार नौ से ज्यादा भी हों, तो कोर्इ बात नहीं। पंडित महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि ज्योतिष शास्त्र में एेसा माना जाता है कि जब कोर्इ मछली मरती है तो वह मछली आने वाली विपत्ति अपने साथ ले जाती है। इसलिए जिस रंग की मछली मर जाए, तो उसी रंग की एक्वेरियम के लिए लानी चाहिए। उनका मानना है कि मछलियाें के रंग के साथ-साथ इनका सही रखरखाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लोग अमूमन नारंगी, गोल्डन, काली, लाल मछली अपने एक्वेरियम में रखते हैं। वैसे आठ सुनहरी आैर एक काले रंग की मछली पालना सबसे अच्छा माना गया है।
एक्वेरियम सही दिशा में रखेंगे तो आएगी खुशहाली

वास्तुशास्त्र के हिसाब से फिश एक्वेरियम रखने से घर में खुशहाली आती है। फिश एक्वेरियम को घर के बीचोंबीच, रसोर्इ घर या बैडरूम में कदापि न रखें। घर की पूर्वी या उत्तरी दिशा में रखें। घर में जहां सूर्य की रोशनी आती है, वहां फिश एक्वेरियम मानसिक दबाव को कम करता है। घर से मुख्य द्वार की तरफ देखेंगे तो इसके बायीं दिशा में रखने से वैवाहिक जीवन मधुर होता है, दायीं दिशा में रखने से पुरुष के एक्सट्रा अफेयर की संभावना बनती है। एक्वेरियम को कभी भी मुख्य द्वार के समीप भी नहीं रखना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है।उत्तर-पूर्व दिशा में फिश एक्वेरियम रखना धन, संपत्ति आैर स्मृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिशा में यह एक्वेरियम रखना शुभ माना जाता है।
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एक्वेरियम की फिश की देखभाल जरूरी

अक्सर देखने में आता है कि लोग फिश एक्वेरियम घर में रख तो लेते हैं, लेकिन उसकी उचित देखभाल नहीं करते, इससे कर्इ सारी दिक्कतें होती हैं। एक्सपर्ट पीयूष गौतम का कहना है कि मछलियों की देखभाल बहुत जरूरी है। साफ-सफार्इ नहीं रखने से मछलियों को कर्इ तरह की बीमारियां लग सकती हैं। छोटी मछलियों को २४ घंटे में फिश फूड के चार-पांच दानों से ज्यादा न दें। हर महीने फिश टैंक को साफ करें आैर उसका एक-चौथार्इ पानी टैंक में रहने दें आैर बाकी पानी बदल दें। उसका फिल्ट्रेशन सिस्टम प्रोपर रखें। इसमें एंटी क्लोरीन की गोलियां डाल सकते हैं।

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