ज्योतिषाचार्य के मुताबिक कोरोना का दूसरा दौर जो भारत में आया है उसका ज्योतिषीय कारण भी समझना जरूरी है। 13 अप्रैल से भारतीय पंचांग के अनुसार नवसंवत्सर 2078 प्रारम्भ हो गया। जिसके राजा व मंत्री दोनों ही पाप ग्रह मंगल हैं। इस संवत्सर का नाम ही ‘राक्षस’ है। अशुभ राहु ही राक्षस है तथा वर्तमान में वहीं कोरोना वायरस है। इस संवत्सर की उदय लग्न कुण्डली वृष लग्न की है जिसमें राहु विराजे हैं। अतः इस समय राहु नामक कोरोना वायरस का क्षेत्राधिकार हमारा देश खासतौर से हो गया है। आसपास के अन्य देश नहीं।
कोरोना को दूर करने के लिए करें ये उपाय प्रत्येक घर में इन उपायों से अक्षय तृतीया पर कोरोना नामक राक्षक दूर होगा। घर के दक्षिण-पश्चिम के मध्य नैऋत्य राक्षस दिशा में घड़े या स्टील के बर्तन में तम्बाकू घुला पानी राहु के रूप में रखें। इस जल में तम्बाकू का एक भी दाना ना लें पर चन्दन इत्र या चन्दन घोल दें। इससे कोरोना वायरस रूपी राहु घातक ना हो सकेगा। इसके बाद घर के पूर्व-उत्तर के मध्य ईशान दिशा में मिट्टी या पीतल, तांबे का कलश, लोटापात्र में गंगाजल या पवित्र जल डालकर शुद्ध जल से भर दें तथा जल में हल्दी,केसर घोल दें तथा पीने का पानी व सभी औषधि पास में ही रखा करें और सेवन करते रहें। उपरोक्त गंगाजल पात्र के समीप ही मोती, चावल, चांदी सफेद अंगोछे में रखें। इस तरह घर के मुखिया सहित प्रत्येक सदस्य के साथ पेय जल व औषधि की ‘‘क्वांटम फ्रीक्वेंसी’’ ट्यून्ड होकर इस प्रकार कार्य कर सकेगी कि ‘‘बैक्टिरिया फोस’’ हानिकारक वायरस को नष्ट करती रहे।