हिजबुल मुजाहिदीन के साथ संबंधों का चला पता
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राज्य की सुरक्षा के हित में ‘आतंकवादी संबंध’ रखने वाले दो सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार दोनों कर्मचारियों की पहचान रहमान नाइका और ज़हीर अब्बास के रूप में हुई है। स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट और देवसर, कुलगाम के निवासी अब रहमान नाइका को 1992 में चिकित्सा सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उनके संबंधों का पता तब चला जब पुलिस अधिकारियों ने देवसर के गुलाम हसन लोन नामक एक राजनीतिक व्यक्ति की हत्या की जांच शुरू की।
जहीर पर तीन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप
एलजी सिन्हा द्वारा बर्खास्त किया गया दूसरा कर्मचारी ज़हीर अब्बास किश्तवाड़ के बदहाट सरूर का निवासी था और एक स्कूल शिक्षक था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक जहीर को 2012 में शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था और वह सरकारी हाई स्कूल, बुगराणा में तैनात थे। उन्हें सितंबर 2020 में किश्तवाड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन सक्रिय आतंकवादियों (मोहम्मद अमीन, रेयाज अहमद और मुदासिर अहमद) को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह वर्तमान में सेंट्रल जेल, कोट भलवाल में बंद है।