ऐसे शुरू हुई व्रत रखने की दिलचस्प कहानी कुआखेड़ी निवासी बलवीर चौधरी ने बताया कि एक बार उनकी पत्नी सरोज की तबियत करवाचौथ वाले दिन खराब हुई। उन्होंने बताया कि डाक्टर ने व्रत नहीं रखने को बोला था। घर में संयुक्त परिवार होने के नाते पत्नी सरोज को बड़े बुजुर्गों और महिलाओं ने व्रत नहीं रखने दिया। उन्होंने गुपचुप तरीके से व्रत रखा और किसी को बताया नहीं। शाम को जब सब महिलाएं चांद देखने गईं थी तो वे अपनी पत्नी सरोज के पास गए और उसे व्रत के बारे में बताया। पत्नी सरोज बहुत खुश हुईं।
पूजा-पाठ कर खोलते हैं व्रत बलवीर बताते हैं कि इसके बाद उनकी पत्नी की तबियत ठीक हो गई। तब से वे निरंतर करवा चौथ का व्रत रखते हैं और पत्नी के साथ ही पूजा-पाठ कर व्रत खोलते हैं। आज बलवीर के बच्चे बड़े हो गए। पांचों बच्चों की शादी हो गई है। लेकिन इसके बाद भी वे व्रत रखना नहीं छोड़ते। दोनों पति-पत्नी इस बार भी करवाचौथ की तैयारी कर रहे हैं।
सात साल से व्रत कर रहे हैं डिंपल पेशे से ठेकेदार और सीसीएसयू कैंपस के छात्र रहे डिंपल सिंह को चांद जैसी दुल्हन चाहिए इसलिए वे व्रत करते हैं। डिंपल बताते हैं कि वे पिछले सात साल से व्रत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन वे कुछ खाते नहीं हैं। शाम को जब परिवार की महिलाएं उनकी भाभी पूजा करके व्रत खोलती हैं तो वे भी अपना व्रत खोल लेते हैं। करवा चौथ के व्रत का ख्याल कैसे आया।
डिंपल को चाहिए चांद जैसी दुल्हन डिंपल सिंह का कहना है कि उन्हें किसी ने बताया था कि अगर कोई युवा करवाचौथ का व्रत रखे तो उसे चांद जैसी दुल्हन मिलती है। बस उसी साल से उन्होंने व्रत की शुरूआत कर दी। इस बार भी वो व्रत रखने की तैयारी कर रहे हैं।