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Budget 2020 में मोदी सरकार की घोषणा के 24 घंटे बाद ही जमीन पर उतारी गई ये योजना, किसानों की होगी दोगुनी कमाई अधिवक्ता सिराजुद्दीन ने बताया कि 2017 में थाना गंगानगर में बूथ कैप्चरिंग की कोशिश को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर व फईमुद्दीन के विरूद्ध धारा 171 आइपीसी व 127 ए लोक जनप्रतिनिधि एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले की जांच करते हुए पुलिस ने सभी के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी थी। जिसमें शाहिद मंजूर व फईमुद्दीन को अदालत ने जमानत पर छोड़ा था। जमानत के बाद से ही शाहिद मंजूर व फइमुद्दीन अदालत में उपस्थित नही हो रहे थे। वहीं दूसरे मामले में पूर्व विधायक चौ. चंद्रवीर सिंह के खिलाफ सरधना थाने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
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Weather Alert: बारिश ने तोड़ दिया 45 साल पुराना रिकार्ड, अगले 72 घंटों के लिए फिर अलर्ट, बढ़ेगी ठिठुरन पूर्व विधायक गोपाल काली के खिलाफ थाना मवाना में 29 जनवरी 2012 को उपरोक्त धाराओं में पुलिस द्वारा मुकदमा लिखा गया था। पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। समन पर भी गोपाल काली उपस्थित नहीं हुए, उनका भी वारंट जारी हो गया। इसी तरह से गोपाल काली के खिलाफ भी बूथ कैप्चिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। गोपाल काली ने भी जमानत करवा ली थी वे भी कोर्ट से मिलने वाली तारीखों पर उपस्थित नहीं हो रहे थे। कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर अपर जिला जज/स्पेशल जज ईसी एक्ट पंकज मिश्र ने सभी जनप्रतिनिधियों को 20 फरवरी तक न्यायालय में हाजिर करने के आदेश एडीजी को दिए। उन्होंने एडीजी को आदेश दिए हैं पुलिस जमानत पर छूटे इन सभी लोगों को तय तिथि में हर हालत में कोर्ट में पेश करें।