scriptSPECIAL: वेस्ट यूपी में फैल रहा KLF का नेटवर्क, तीन साल में पकड़े गए 12 खालिस्तानी आतंकी | 12 member of klf arrested from west up in last 3 years | Patrika News
मेरठ

SPECIAL: वेस्ट यूपी में फैल रहा KLF का नेटवर्क, तीन साल में पकड़े गए 12 खालिस्तानी आतंकी

Highlights:
-गहरी हो रही वेस्ट में खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स की जड़ें
-मेरठ से बड़े पैमाने पर सप्लाई होते हैं संगठन को हथियार
-फेसबुक के जरिए जोड़ रहे लोगों को

मेरठJun 09, 2020 / 03:10 pm

Rahul Chauhan

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मेरठ। वेस्ट यूपी में खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स की जड़े काफी मजबूत होती जा रही हैं। इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर पिछले 3 साल में ही 12 खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। विदेशों में बैठे बड़े आतंकी यूपी-पंजाब के कुछ लोगों को फेसबुक के जरिए ‘2020 रेफरेंडम’ का हिस्सा बना रहे हैं। वही पंजाब के गैंगस्टर्स की मदद से हथियार सप्लायरों को अपने साथ जोड़ रहे हैं।
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पहला मामला 2018 में आया सामने

वेस्ट यूपी में केएलएफ की पैठ का पहला मामला 2018 में सामने आया। मेरठ से पहाड़ सिंह और परवेज उर्फ फरु व गाजियाबाद से मलूक सिंह को एनआईए ने गिरफ्तार किया। तीनों केएलएफ को हथियार सप्लाई करते थे। इन्हीं हथियारों से पंजाब में साल- 2017 व 2018 में आठ हिन्दू-सिख नेताओं की हत्या की गई थी। इसके अलावा आरएसएस के एक सक्रिय नेता की हत्या में भी ये हथियार प्रयुक्त किए गए थे।
सीएम की रैली को बनाना था निशाना

दूसरा मामला शामली जिले में दो अक्टूबर 2018 को सामने आया। केएलएफ आतंकियों ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री की रैली को निशाना बनाने के लिए झिंझाना थाने के पुलिसकर्मियों के हथियार लूट लिए। इसमें पांच संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी। इसी साल शामली से एटीएस ने दो हथियार सप्लायरों राज सिंह व आसिफ को गिरफ्तार किया। ये भी केएलएफ को हथियार सप्लाई करते थे। यह दोनों इंग्लैंड में छिपे आतंकी परमजीत सिंह उर्फ पम्मा से जुड़े हुए थे। इसके बाद एटीएस ने केएलएफ से जुड़ा एक और हथियार सप्लायर मेरठ से पकड़ा। अब 30 मई को मेरठ से पकड़ा गया तीरथ सिंह भी केएलएफ के लिए हथियार सप्लाई और 2020 रेफरेंडम मुहिम से जुड़ा था।
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हथियार सप्लाई का सेफ कॉरीडोर

वेस्ट यूपी हथियार सप्लाई करने के लिए सेफ कॉरीडोर है। पिछले साल दिल्ली में हुई एनआईए और सभी एटीएस प्रमुखों की बैठक में यह बात सामने आई। उसकी कई वजहें हैं। एडीजी राजीव सब्बरवाल का इस बारे में कहना है कि मेरठ एनसीआर से जुड़ा हुआ है। पंजाब, हरियाणा की सीमाएं इससे मिलती हैं। पश्चिम उप्र में खासकर मेरठ जोन में कई जगहों पर अवैध हथियार बनते हैं और सस्ते में बिकते हैं। इसलिए आतंकी संगठनों की निगाह अब वेस्ट यूपी पर है, जहां से वे गोला-बारूद खरीदते हैं। ऐसे हथियार बनाने वालों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन पर जोन में कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए विशेष आपरेशन चलाए जाएंगे।

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