भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में इस पर्व की धूम देखते ही बनती है और यही वजह है की भगवान के जन्म का उत्सव मनाने के लिए भगवान कृष्णा की जन्मस्थली श्री कृष्ण जन्मभूमि को दुल्हन की तरह बड़ी ही भव्यता से सजाया गया है । जन्मभूमि की भव्यता देखते ही बनती है। पूरे मंदिर परिसर पर लगी रंग बिरंगी विद्युत सजावट देखने में ऐसी मनोहारी लग रही है जैसे मानो बृज में आज ही दीवाली हो, इसका वर्णन करना आसान नहीं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के मंदिर में लगी अद्धभुत रौशनी का आनंदन ले रहे हैं और उसे देख कर आकर्षित हो रहे हैं ।
मथुरा ही नहीं, बल्कि दूर दराज से आए श्रद्धालुओं को भी इंतजार है प्रभु की एक झलक पाने का। जन्मभूमि मथुरा में सुबह से ही भक्त प्रभु की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई दिए। चाहे मंदिर हो या फिर घर। राधे-राधे गूंज रहा है। श्री कृष्ण जन्मस्थान पर विशेष व्यवस्था की गई है। हर तरह सजावट है। कहीं फूलों की महक है तो कहीं इत्र की। जन्मोत्सव से एक दिन पहले भी जन्मस्थान पर भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह से ही भगवान के दर्शनों के लिए लाइन लगी थी।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का कार्यक्रम सुबह तड़के ही शुरू हो गए। इसमें गर्भग्रह और ठाकुर केशवदेव मंदिरों में मंगला दर्शन सुबह 5:30 बजे हुए, अभिषेक के दर्शन सुबह सात बजे, बाल भोग के दर्शन सुबह आठ बजे हुए। भोग के दर्शन सुबह 11 बजे, इसके बाद पूरे दिन दर्शन खुले रहेंगे। फल भोग के दर्शन सायं पांच बजे, आरती के दर्शन सायं 7:45 बजे होंगे। राजभोग के दर्शन सायं आठ बजे इसके बाद रात को श्रीकृष्ण जन्म के अभिषेक के कार्यक्रम होंगे। शाम सात बजे श्री कृष्ण जन्म की लीला का मंचन होगा, देर रात 12 बजे मध्यरात्रि में होगा भगवान का जन्म।