ये है मामला 27 मार्च की दोपहर को एक निजी होटल में सांसद
हेमा मालिनी ने जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। कुछ लोगों की समस्याओं का निदान मौके पर ही करा दिया तो कुछ को जल्द समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान हेमा के दरबार में शिक्षा मित्र भी अपनी फ़रियाद लेकर पहुंचे और अपनी समस्याओं के बारे में बताया। सांसद ने उन्हें जल्द ही समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया है।
हेमा से मिलने आये एक शिक्षा मित्र ने बताया कि हम लोग 17 सालों से बेसिक शिक्षा में
काम कर रहे हैं। 25 जुलाई के बाद से शिक्षा मित्रों की हालत बहुत ही खराब है। पूरे उत्तर प्रदेश में 500 शिक्षा मित्र परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि हम लोगों को पहले 40 हजार रुपये सैलरी मिलती थी जो अब 10 हजार हो गई है। इसी समस्या को लेकर हम सांसद महोदया से मिलने गए थे। उन्होेंने कहा कि हम चाहते हैं कि सांसद हमारी पीड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पहुंचाएं।
शिक्षामित्रों का कहना है कि भारत सरकार ने उत्तराखंड में शिक्षा मित्रों को शिक्षक बना दिया है, उसी तरह से उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को भी शिक्षक बनाया जाए। यदि उसमें कोई अड़चन है तो सात मार्च को हाईकोर्ट ने जो आदेश जारी किया है कि शिक्षा मित्रों को 38800 का मानदेय दिया जाए, उस मांग को माना जाए। शिक्षा मित्र आज बहुत दुःखी हैं। हम लोग जब सांसद जी से मिले और हमने अपनी व्यथा उनके सामने रखी तो वो बहुत ही दुःखी हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने हमारी समस्या को रखने की बात कही। शिक्षा मित्रों का कहना है कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा।