प्रेमानंद महाराज का जन्म यूपी के कानपुर में सरसोल गांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। 13 साल की उम्र में ही प्रेमानंद महाराज से ब्रह्मचर्य शुरू कर दिया था। इसी वजह से सन्यासी जीवन की शुरुआत में इनका नाम आरयन ब्रह्मचारी रखा गया था। फिलहाल, प्रेमानंद महाराज वृंदावन के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में रह रहे हैं। आपको बता दें कि 17 साल पहले ही प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनी फेल हो चुकी है। उन्होंने अपनी एक किडनी का नाम राधा तो दूसरे किडनी का नाम कृष्ण रखा है।
अगर आप प्रेमानंद महाराज के भक्त है और उनके दर्शन करना चाहते हैं तो आपको वृंदावन आना होगा। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सत्ंसग और एकांतिक वार्तालाप के लिए आपको आश्रम ‘श्री हित राधा केली कुंज’ आश्रम से टोकन हासिल करना होगा और यह सुबह 9:15 से सुबह 10:15 तक मिलता है। इस दौरान उन भक्तों की लंबी-चौड़ी लाइन मिलेगी जो महाराज जी के दर्शन करने आते हैं।
प्रातः 04:10 से 05:30 – प्रेमानंद महाराज द्वारा प्रतिदिन प्रातः सत्संग
05:30 से 06:30 तक – श्री जी की मंगला आरती एवं वन विहार प्रातः
06:30 से 08:15 तक – हित चौरासी जी (सोम, बुध, गुरु, शनि) , रवि) एवं राधा सुधानिधि जी (मंगल, शुक्र) पथ
08:15 से 09:15 पूर्वाह्न – श्री जी की श्रृंगार आरती, भक्त-नामावली, राधा नाम संकीर्तन
04:00 से 04:15 अपराह्न – धूप आरती
04:15 से 05:35 अपराह्न – दैनिक संध्या वाणीपाठ
05:35 से 06:00 अपराह्न – भक्त चरित्र
06:00 से 06:15 अपराह्न – संध्या आरती