script#NagPanchami जब यमुना को जहरीला करने वाला कालिया नाग पत्थर का बन गया…पढ़िए रोचक कहानी, देखिए वीडियो | once upon a time: nag panchami special story of kaliya nag | Patrika News
मथुरा

#NagPanchami जब यमुना को जहरीला करने वाला कालिया नाग पत्थर का बन गया…पढ़िए रोचक कहानी, देखिए वीडियो

Mathura से 20 किलोमीटर दूर जैंत में है कालिया नाग मंदिरमान्यताः इसकी पूंछ धरती के भीतर वृंदावन तक जाती हैकालसर्प दोष से मुक्ति के लिए Nag Panchami पर लक्खी मेला

मथुराAug 03, 2019 / 05:11 pm

suchita mishra

Nag Panchami Special

Nag Panchami Special

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना को जहरीला बनाने वाले कालिया नाग का मर्दन किया था। उसी कालिया नाग का मंदिर मथुरा से से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर जैंत गांव में नाग पंचमी पर यहां विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि कालिया नाग मंदिर में पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। कालिया नाग मंदिर में नाग पंचमी पर लक्खी मेला लगता है। पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं।
कालिया नाग की पूंछ धरती के भीतर वृंदावन तक
हजारों साल पुराने इस मंदिर का जीर्णोद्धार बृज फाउंडेशन ने 2014-15 में कराया था। इस मंदिर की मान्यता यह है कि यहां नाग पंचमी के दिन सच्चे मन से अगर कोई भक्त आकर पूजा करता है तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। जय वन स्थित कालिया नाग के मंदिर की जानकारी देते हुए मंदिर के सह पुजारी बच्चू ने बताया कि यह मंदिर करीब साढ़े पांच हजार साल पुराना है। बृजवासियों की मान्यता है कि कालिया नाग की पत्थर की पूंछ धरती के भीतर वृंदावन तक जाती है।
पीछे मुड़कर देखा तो पत्थर का हो गया
इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन में अपनी गायों को चराने के लिए यमुना किनारे जाया करते थे, तो उनकी गाय यमुना जल को पीकर मर जाती थी। यदि कोई पक्षी यमुना के ऊपर से निकलता था तो वह भी मर जाता था। एक दिन भगवान श्री कृष्ण ने लीला दिखाते हुए गेंद को यमुना में फेंक दिया और गेंद को निकालने के बहाने वह यमुना में कूद गए। यमुना में कूदने के बाद भगवान श्री कृष्ण और कालिया नाग के बीच युद्ध हुआ। युद्ध के बाद कालिया नाग भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगता है। भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग को क्षमादान देते हुए कहा कि तुम ब्रज से चले जाओ। कालिया नाग भगवान श्रीकृष्ण के आदेश को मानते हुए बोला- हे प्रभु मैं इतना भारी वजन लेकर कहां जाऊंगा। इसके बाद भी भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें जाने का आदेश दिया तो वह वृंदावन छोड़कर चल दिया। जैसे ही वृंदावन से 6 किलोमीटर दूर जैंत गाँव पहुंचा और उसने पीछे मुड़कर देखा, तो कालिया नाग पत्थर का हो गया। भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग को चेतावनी देते हुए कहा था कि था कि जहां भी वह पीछे मुड़कर देख लेगा, पत्थर का हो जाएगा। कालिया नाग ने भगवान श्रीकृष्ण की चेतावनी नहीं मानी और पत्थर का हो गया।
1945 में अंग्रेजों ने किया क्षतिग्रस्त
मंदिर की देखरेख कर रहे बच्चू का यह भी कहना है कि 1945 में जब अंग्रेज भारत में आए और इस मंदिर की इतिहास के बारे में उन्हें पता चला तो उन्होंने मंदिर की खुदाई शुरू कर दी। कालिया नाग की मूर्ति को ले जाने की कोशिश करने लगे। चमत्कार होने के कारण कालिया नाग को नहीं ले जा पाए। इस पर अंग्रजों ने गुस्से में आकर कालिया नाग की मूर्ति में कई गोलियां मारीं। मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस पर नागों ने अंग्रेजों को नागपाश में बांध लिया। यह देख अंग्रेज घबरा गए। उन्होंने जब मिन्नत की तो छोड़ दिया। इसके बाद अंग्रेज चले गए। इसके बाद से मंदिर की मान्यता और बढ़ गई है।

Hindi News / Mathura / #NagPanchami जब यमुना को जहरीला करने वाला कालिया नाग पत्थर का बन गया…पढ़िए रोचक कहानी, देखिए वीडियो

ट्रेंडिंग वीडियो