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LPG Price Hike: खाना बनाना फिर हुआ महंगा, बढ़े घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम, जानें आज के रेट 13.37 एकड़ भूमि में 2.37 एकड़ मुक्त कराने की मांग बता दें, श्रीकृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ जमीन को लेकर एडवोकेट रंजना सहित छह लोगों की तरफ से दाखिल वाद में मांग की गई है कि इस 13.37 एकड़ भूमि में से करीब 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मंदिर बना है। जबकि 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है। इसलिए 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त करा कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल किया जाए। इसके अलावा वाद में 1968 में हुए समझौते को भी रद्द करने की मांग की गई है। वादी पक्ष का कहना है कि इस मामले में संस्थान को समझौता करने का अधिकार ही नहीं है, जबकि जमीन ठाकुर विराजमान केशव कटरा मंदिर के नाम से है।
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‘सुपरमैन’ की तरह उड़ने के लिए बच्चे ने किया ये काम, तभी हुआ कुछ ऐसा की चली गई जान 6 लोगों की तरफ से दाखिल हुआ केस इस मामले में एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री, हरि शंकर जैन, विष्णु जैन सहित छह लोगों की तरफ से दाखिल वाद में 4 विपक्षी बनाए गए हैं। इनमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान शामिल हैं। कोर्ट ने रिविजन की सुनवाई के दौरान चारों विपक्षी का पक्ष भी सुना है। वहीं इस वाद पर रिवीजन के तौर पर अक्टूबर 2020 से 5 मई 2022 तक अलग-अलग तारीखों पर बहस हुई। 5 मई को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करने या न करने को लेकर 19 मई की तारीख दी थी। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट की निगरानी में जन्मभूमि परिसर की खुदाई कराई जाए। दावा किया गया है कि जिस जगह पर मस्जिद बनाई गई थी, उसी जगह पर कारागार मौजूद है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।