सीएम योगी की जुबानी बंदर की कहानी बता दें कि योगी के वृंदावन आगमन के दौरान उनसे किसी ने यहां बंदरों की समस्या के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि हनुमान जी की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करें बंदर कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। इस मौके पर उन्होंने अपना एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हुए कहा कि गोरखपुर में कार्यालय में एक जंगली बंदर उनकी गोदी में आकर बैठ जाता था। उन्होंने बताया कि एक बार मंदिर परिसर में टहलते समय देखा ठंड का समय था और वह बंदर ठिठुर रहा था तो मैंने अपने कर्मचारी से कहा फल लेकर आओ। कर्मचारी केला लेकर आया मैंने बंदर को केला दिया और वो केला लेकर चला गया। सीएम ने कहा कि अगले दिन एक बार फिर उसी समय वो बंदर आया मैंने फल दिया वो चला गया। प्रत्येक दिन बंदर आता और मैं फल देता और वो उसे लेकर चला जाता। रोजाना बंदर कार्यालय से एक कदम नीचे आकर बैठ जाता था।
योगी ने कहा कि किसी काम से 4-5 दिन के लिए में कहीं चला गया तो वह मुझे संभवतः ढूंढ़ता रहा। लौटकर आया तो एक दिन मैं कार्यालय में बैठा था तो वह बंदर कार्यालय के बाहर से ताक-झांक कर रहा था। मेरी नजर उस पर पड़ी तो मुझे उसकी हरकत पर हंसी भी आई। मैंने कर्मचारी को बुलाकर फल मंगाया और बंदर को दिया। यह उसकी दिनचर्या बन गई थी। एक दिन कार्यालय में एक कार्यकर्ता ने मुझसे गुस्से में कहा कि क्या महाराज आप बंदर को अपनी गोद में बैठाते हो। सीएम योगी ने कहा कि अगले दिन बंदर कार्यालय के बाहर बैठा था और जब वही कार्यकर्ता आया तो बंदर ने उसकी धोती पकड़ ली। कार्यकर्ता ने डांटा तो बंदर ने उसका हाथ पकड़ लिया और काटने के लिए जोर से चिल्लाया। सीएम ने कहा मैंने आवाज सुनी तो दौड़कर गया और बंदर से कहा क्या कर रहा है, बंदर को डांटा कि ऐसे काटोगे किसी को तो बंदर ने कार्यकर्ता को छोड़ दिया और एक पेड़ पर चढ़ गया।