कोविड-19 महामारी को देखते हुए देश में लॉक डाउन लागू किया गया था और इसी लॉक डाउन के बाद से वृंदावन में ठाकुर जी के पट भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे। तब से अब तक कपाट बंद थे। 17 अक्टूबर को मंदिर प्रबंधन और प्रशासन ने कोविड-19 की गाइड लाइन के अनुसार दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए थे लेकिन यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। भीड़ उमड़ने से सभी इंतजाम चरमरा गए थे। मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए 19 अक्टूबर को एक बार फिर से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद करने पड़ गए थे। इससे बांके बिहारी के भक्तों में राेष हो गया था। विभिन्न संगठनों और संत महात्माओं ने मंदिर के कपाट बंद करने के विरोध में मंदिर प्रबंधन के खिलाफ सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत में याचिका दायर कर दी थी। इस मामले में हिमांशु गोस्वामी समेत 61 अन्य भक्तों और संतों ने प्रार्थना पत्र देकर मंदिर के कपाट खोले जाने की मांग की थी।
इन सभी प्रार्थना पत्र व याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अपने 15 अक्टूबर के निर्णय काे बरकरार रखा और अपना फैसला सुनाते हुए मंदिर प्रबंधन को आदेश दिए कि वह आम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट को खोल दें। न्यायालय के इन आदेशों के अनुक्रम में मंदिर प्रबंधन ने रविवार से वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से दर्शन कराने की व्यवस्था को शुरू किया है। रविवार आज से मंदिर के कपाट खुल गए हैं लेकिन यहां दर्शन करने आने वाले भक्तों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा उसके बाद ही वह दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रबंधन के पदाधिकारी मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था फिलहाल अस्थाई तौर पर की गई है। यह एक प्रयोग है। एक सप्ताह तक इस प्रयोग को लागू रखा जाएगा। बाद में जो भी रिजल्ट आएंगे उनके अनुसार दर्शन प्रक्रिया और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया या बंद किया जाएगा।
पहले दिन सफल दिखा प्रयाेग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद दर्शन की प्रक्रिया पहले दिन सफल दिखाई दी। रविार काे भक्तों के लिए कपाट खुल गए लेकिन भीड़ नहीं हुई। इससे माना जा रहा है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद दर्शन की व्यवस्था सफल साबित हाे सकती है।