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इस वजह से बढ़ी सब्जियों की कीमतें
कारोबारियों की माने तो सब्जियों के दाम में फिलहाल गिरावट आने की गुंजाइश नहीं है क्योंकि बरसात के दौरान फसल खराब होने के कारण आवक कम हो रही है। इस हफ्ते आलू के थोक दाम में भी वृद्धि दर्ज की गई। चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एमआर कृपलानी ने कहा कि एक तो बरसात के कारण सब्जियों की आवक कम हो रही है, वहीं डीजल की कीमतों में वृद्धि होने से सब्जियों और फलों के परिवहन की लागत बढ़ गई है जिसका असर कीमतों में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में फलों और सब्जियों की कीमतों में गिरावट की गुंजाइश नहीं दिख रही है।वहीं दिल्ली स्थित मॉडल डाउन के खुदरा सब्जी विक्रेता मनोज वाल्मिकी ने कहा कि सब्जियां महंगी आ रही है और बरसात के कारण खराब भी ज्यादा हो रही है, जिससे नुकसान झेलना पड़ता है।
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एक महीने में दोगुने हुए सब्जियों के दाम
सब्जियां | शुक्रवार को सब्जियों के दाम (रुपए प्रति किलो) | जून के पहले पखवाड़े में सब्जियों के दाम (रुपए प्रति किलो) |
आलू | 30-35 | 20-25 |
गोभी | 70-80 | 30-40 |
टमाटर | 60-80 | 20-30 |
प्याज | 25-30 | 20-25 |
लौकी | 30 | 20 |
भिंडी | 30-40 | 20 |
खीरा | 40-50 | 20 |
कद्दू | 30 | 10-15 |
बैगन | 60 | 20 |
शिमला मिर्च | 80 | 60 |
तोरई | 30-40 | 20 |
करेला | 50-60 | 15-20 |
मालभाड़े में देखने को मिला 10 फीसदी का इजाफा
सात जून से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि पेट्रोल की कीमत बीते एक पखवाड़े से स्थिर हैं, लेकिन डीजल के दाम में शुक्रवार को भी वृद्धि दर्ज की गई कि जिससे जून से लेकर अब तक देश की राजधानी दिल्ली में डीजल कीमत करीब 12 रुपए लीटर बढ़ गई है।डीजल की कीमत में वृद्धि का असर मालभाड़े में पडऩे के बारे में पूछने पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता ने कहा कि बेशक डीजल के दाम में वृद्धि का असर मालभाड़ा पर बढ़ा है, मगर उन्हीं सेक्टरों में मालभाड़ा बढ़ा है जहां परिवहन की मांग लगातार बनी हुई है। जाहिर है कि सब्जियों के परिवहन की जरूरत रोजाना की है इसमें मांग हमेशा बनी रहती है। गुप्ता ने कहा कि जहां परिवहन की मांग बनी हुई है वहां मालभाड़ा में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है।