खबरों के मुताबिक, अमरीका ने भारत और चीन सहित सभी देशों को कहा है कि वे चार नवंबर तक ईरान से अपना तेल आयात बंद करें नहीं तो उन्हें ईरान के साथ किसी प्रकार की लेनदेन के लिए प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा। अमरीका के इस कथित बयान के बाद ही कच्चे तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है। भारत, इराक और सऊदी अरब के बाद सबसे अधिक कच्चे तेल का आयात ईरान से ही करता है। इसके अलावा अमरीकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में जल्द ही वृद्धि किए जाने की आशंका, अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति भी निवेशकों को हतोत्साहित कर रही है। इसके अलावा इस माह के डेरिवेटिवों में कारोबार का कल अंतिम दिन होने से पहले निवेशकों की बिकवाली का दबाव भी शेयर बाजार पर है। बीएसई में कुल 2,795 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें 115 कंपनियों के शेयरों की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि 2,190 कंपनियों के शेयरों में गिरावट और 490 में तेजी रही। दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मंझोली कंपनियों में भी गिरावट रही। बीएसई का मिडकैप 1.50 फीसदी यानी 235.36 अंक की गिरावट में 15,425.95 अंक पर और स्मॉलकैप दो फीसदी 325.67 अंक की गिरावट के साथ 15,970.21 अंक पर बंद हुआ।