यह भी पढ़ेंः- एक साल में 78 फीसदी उछला बीपीसीएल का शेयर, सरकार कर रही है बेचने की तैयारी
कोल इंडिया के रिकॉर्ड तोड़ सकता है पेटीएम
वन97 के निदेशक मंडल ने इस शुक्रवार को औपचारिक रूप से आईपीओ को मंजूरी देने के लिए बैठक करने की योजना बनाई है। पेटीएम ने अभी इस मामले में किसी तरह के सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है। अगर पेटीएम का आईपीओ सफल हो जाता है तो पेटीएम की शुरुआती शेयर बिक्री कोल इंडिया लिमिटेड के रिकॉर्ड को तोड़ देगी, जिसने 2010 में देश के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में 150 बिलियन रुपए से अधिक जुटाए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पेटीएम के आईपी के लिए मॉर्गन स्टेनली, सिटीग्रुप इंक और जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी शॉर्टलिस्ट किया गया है। जिसमें मॉर्गन स्टेनली प्रमुख दावेदार हैं। यह प्रक्रिया जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ेंः- जेफ बेजोस 62 हजार करोड़ रुपए में खरीद रहे हैं 97 साल पुरानी कंपनी
रेवेन्यू बढ़ाने पर जोर
संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व में पेटीएम पिछले एक साल से राजस्व बढ़ाने और अपनी सेवाओं का मुद्रीकरण करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह डिजिटल भुगतान से परे बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, वित्तीय सेवाओं, धन प्रबंधन और डिजिटल वॉलेट में विस्तारित है। यह भारत के वित्तीय भुगतान बैकबोन, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई का भी समर्थन करता है।
यह भी पढ़ेंः- अमेजन के 27वें बर्थडे पर जेफ बेजोस देंगे इस्तीफा, जानिए उसके बाद क्या होगी उनकी भूमिका
1.4 बिलियन का मंथली ट्रांजेक्शन
पेटीएम ने वॉलमार्ट इंक के स्वामित्व वाले फोनपे, गूगल पे, अमेजन पे के साथ-साथ फेसबुक इंक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप पे सहित वैश्विक खिलाडिय़ों के एक दल से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। वैसे भारत के मर्चेंट भुगतान में पेटीएम की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। हाल ही में कंपनी ब्लॉग पोस्ट में संख्याओं के अनुसार, पेटीएम के 2 करोड़ से अधिक मर्चेंट पार्टनर हैं और इसके उपयोगकर्ता 1.4 बिलियन मासिक लेनदेन करते हैं। हाल ही में एक बातचीत में, सीईओ शर्मा ने कहा कि इस साल के पहले तीन महीनों में पेटीएम की अब तक की सबसे अच्छी तिमाही थी, जब महामारी से संबंधित खर्च ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया।