तीसरी बार है बायबैक
इससे पहले, कंपनी इन्फोसिस दो बार बायबैक ऑफर ला चुकी है। अगस्त 2019 में कंपनी 8,260 करोड़ रुपए का बायबैक ऑफर लेकर आई थी। जिसके तहत कंपनी ने 11.05 करोड़ शेयर को एक बार फिर से खरीद लिया था। कंपनी का पहला शेयर बायबैक दिसंबर 2017 में 13,000 करोड़ रुपए का मूल्य का था। इसमें कंपनी ने 1,150 रुपए प्रति इक्विटी के भाव पर 11.3 करोड़ शेयर की पुनर्खरीद की थी।
शेयर बायबैक किसे कहते हैं
जानकारी के अनुसार कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खुद खरीदती है तो इसे शेयर बायबैक कहा जाता है। बायबैक करने के बाद उन शेयरों की वैल्यू खत्म हो जाती है। बायबैक को टेंडर ऑफर या ओपन मार्केट के माध्यम से किया जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today : दो हफ्तों के बाद पेट्रोल और डीजल हुआ सस्ता, जानिए आज के दाम
क्यों किया जाता है शेयर बायबैक
कंपनी की बैलेंसशीट में एक्स्ट्रा कैश होना अच्छे संकेत नहीं है, जिसकी वजह से कंपनी अपने कैश को खपाने के लिए बायबैक लेकर आती है। शेयर होल्डर्स को एक्स्ट्रा रुपया देकर अपने शेयरों को वापस खरीद लेती है। कई बार कंपनियां अपने शेयरों की कीमत को बढ़ाने के लिए बायबैक ऑफर लेकर आती हैं।
क्या होता है प्रोसेस
बायबैक करने का प्रोसेस काफी आसान है। कंपनी का बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी देगा। उसके बाद कंपनी बायबैक का ऐलान करती है। रिकार्ड डेट और बायबैक की अवधि का जिक्र होता है. रिकॉर्ड डेट का मतलब यह है कि उस दिन तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर होंगे, वे बायबैक में हिस्सा ले सकेंगे। इसका कंपनी के शेयर पर भी काफी असर पड़ता हैै। शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए मौजूद कंपनी के शेयरों की संख्या घट जाती है। जिससे कंपनी के प्रति शेयर की वैल्यू में इजाफा हो जाता हैं।