यह भी पढ़ेंः- इकोनॉमिक सर्वे के बाद और बजट 2020 से पहले शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद, सेंसेक्स 190 अंक फिसला
विदेशों में सोना और चांदी के दाम में इजाफा
विदेशों से मिली जानकारी के अनुसार, सोना हाजिर 4.40 प्रतिशत चमककर 1,579.20 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुँच गया। अप्रैल का अमेरिकी सोना वायदा 5.10 डॉलर की गिरावट के साथ 1,584.10 डॉलर प्रति औंस बोला गया। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि नोवेल कोरोना वायरस के लेकर जारी ङ्क्षचता से सोने को बल मिला है। चांदी हाजिर भी 0.06 डॉलर चढ़कर 17.85 डॉलर प्रति औंस पर रही।
यह भी पढ़ेंः- आर्थिक सर्वेक्षण में जागी सरकार, हर साल 80 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार
42 हजारी हुआ सोना
स्थानीय बाजार में सोना स्टैंडर्ड 100 रुपए चमककर तीन सप्ताह से ज्यादा के उच्चतम स्तर 42,020 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। सोना बिटुर भी इतनी ही तेजी के साथ 41,850 रुपए प्रति दस ग्राम पर रहा। आठ ग्राम वाली गिन्नी 30,800 पर अपरिवर्तित रही। चांदी हाजिर 250 रुपए की मजबूती के साथ 47,700 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। चांदी वायदा भी 436 रुपए की बढ़त में 46,448 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। सिक्का लिवाली और बिकवाली गत दिवस के क्रमश: 970 रुपए और 980 रुपए प्रति इकाई पर स्थिर रहे।
यह भी पढ़ेंः- संसद में पेश हुआ आर्थिक सर्वेक्षण, अगले वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ 6 से 6.5% रहने का अनुमान
आज दोनों कीमती धातुओं के भाव इस प्रकार रहे
सोना स्टैंडर्ड प्रति 10 ग्राम:- 42,020 रुपए
सोना बिटुर प्रति 10 ग्राम:- 41,850 रुपए
चांदी हाजिर प्रति किलोग्राम:- 47,700 रुपए
चांदी वायदा प्रति किलोग्राम:- 46,448 रुपए
सिक्का लिवाली प्रति इकाई:- 970 रुपए
सिक्का बिकवाली प्रति इकाई:- 980 रुपए
गिन्नी प्रति आठ ग्राम:- 30,800 रुपए
यह भी पढ़ेंः- WGC Report : भारत में इस साल सोने की मांग बढ़कर 700-800 टन रहने की उम्मीद
बुलियन इंडस्ट्री को हैं काफी उम्मीदें
कुंदन ग्रुप के डायरेक्टर विदित गर्ग का कहना है कि कई अन्य उद्योगों के साथ भारत में बुलियन इंडस्ट्री का विकास भी धीमा हो रहा है। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है और इसका प्रमुख हिस्सा जेवरात के उद्योग की मांग को पूरा करता है। स्वर्ण उद्योग में मंदी का एक बड़ा कारण सोने पर लगने वाली बहुत ज्यादा ड्यूटी है, जिसे पिछले बजट में 12.5 फीसदी तक बढ़ाया गया था। इसके अलावा सोने पर 3 फीसदी जीएसटी लगती है। हमें इस साल के बजट से उम्मीद है कि सरकार कस्टम ड्यूटी को कम से कम 4 फीसदी कम करेगी, ताकि तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके और डूबते हुए जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को प्रोत्साहन दिया जा सके।
यह भी पढ़ेंः- Wipro के सीईओ नीमचवाला ने पारिवारिक कारणों की वजह से दिया इस्तीफा
शुद्ध सोने के निर्यात की अनुमति मिले
इस समय सोने के निर्यात की अनुमति है, लेकिन इसके निर्यात पर कोई ड्यूटी ड्रॉ बैक की सुविधा नहीं है। अक्सर, यह देखा गया है कि भारतीय बाजार में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों से काफी कम होती हैं। सरकार को घरेलू बाजार से खरीदे गए शुद्ध सोने के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए और कम्पेन्सेटरी ड्यूटी ड्रॉ बैक का प्रावधान करना चाहिए। इसकी अनुमति देकर भारत बुलियन कारोबार का अंतरराष्ट्रीय केंद्र भी बन सकता है और विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।