scriptएक्सपर्ट्स का दावाः इस महीने से एक लीटर पेट्रोल के लिए चुकाने पड़ सकते हैं 100 रुपए | From this month one liter of petrol will have to pay 100 rupees | Patrika News
बाजार

एक्सपर्ट्स का दावाः इस महीने से एक लीटर पेट्रोल के लिए चुकाने पड़ सकते हैं 100 रुपए

अगले 6 महीने में ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर और डब्ल्यूटीआई 60 डॉलर पहुंचने के आसार
सरकारों के टैक्स कम ना करने से पेट्रोल और डीजल की कीमत में हो सकता है और इजाफा

Jan 06, 2021 / 03:52 pm

Saurabh Sharma

From this month one liter of petrol will have to pay 100 rupees!

From this month one liter of petrol will have to pay 100 rupees!

नई दिल्ली। आज पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा हुआ, जिसके आगे जारी रहने के आसार दिखाई दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो विदेशी बाजारों में कच्चे तेल के दाम में 7 दिसंबर के बाद से अब तक 8 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है। जिस कारण से भारत में कच्चे तेल का भाव करीब 3700 रुपए प्रति बैरल पर पहुंच गया है। वहीं सउदी अरब ने कच्चे तेल के उत्पादन में मार्च तक कटौती करने का ऐलान कर दिया है। जिस कारण भाव में और तेजी के आसार बढ़ गए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऐसा ही रहा तो कच्चे तेल की कीमत में अगले छह महीने में दाम 15 से 20 डॉलर तक बढ़ सकते हैं। जिसकी वजह से पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर तक जा सकते हैं।

6 महीने का है समय
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम काफी कम हो गए थे। जैसे-जैसे इकोनॉमी खुली है, वैसे-वैसे क्रूड ऑयल का कंजपशन बढ़ा है। जिसकी वजह से बीते कुछ महीनों से क्रूड ऑयल की कीमत में भी इजाफा हुआ है। मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 54 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इकोनॉमी और खुलेगी। वैक्सीन भी आ रही है। जिसके बाद क्रूड ऑयल के दाम 6 महीने में 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल 60 से 65 डॉलर तक पहुंच सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः- सउदी अरब के इस आदेश से कच्चा तेल 10 महीने के उंचे स्तर पर पहुंचा

टैक्स का भी है असर
केडिया इससे आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि पिछले डेढ़ साल में ऑयल कंपनियों और सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमत को बैलेंस करके रखा है। लोगों को पेट्रोल 90 रुपए में खरीदने की आदत पड़ गई है। वहीं केंद्र अपने टैक्स में कमी कर भी दे तो भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई असर नहीं देखने को मिलेगा। वहीं राज्य सरकारें अपने टैक्स को कम करने का जोखिम इसलिए नहीं उठाएंगी, क्योंकि कोविड काल में उन्हें रेवेन्यू का काफी लॉस हुआ है। जिसकी भरपाई लंबे समय तक रहेगी। क्रूड ऑयल की कीमत में तेजी के कारण पेट्रोल के दाम धीरे-धीरे ही सही 6 महीने में 100 रुपए प्रति लीटर तक आराम से पहुंच जाएंगे।

क्रूड के 100 डॉलर होने पर क्यों नहीं बढ़े थे दाम?
2011 के आसपास क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए थे। उस समय पेट्रोल के दाम 50 रुपए के आसपास थे। तब दाम में इजाफा क्यों नहीं हुआ? इस सवाल का जवाब देते हुए एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट ( कमोडिटी एंड रिसर्च ) अनुज गुप्ता कहते हैं कि उस दौर में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स काफी कम थे। उस समय से अब तक टैक्स में दोगुने का अंतर आ चुका है। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल की कीमत में थोड़ा फर्क आने के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा देखने को मिल जाता है।

यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today : पेट्रोल और डीजल की कीमत में एक महीने के बाद इजाफा

पेट्रोल और डीजल पर सरकार कितना लेती है टैक्स
उदहरण के तौर पर दिल्ली को देखें तो पेट्रोल पर केंद्र सरकार एक्ससाइज ड्यूटी 32.98 रुपए प्रति लीटर लेती है। वहीं राज्य सरकार के द्वारा वैट 19.32 रुपए लिया जाता है। डीलर कमीशन 3.67 रुपए प्रति लीटर होती है। अगर इन तीनों को जोड़ दिया जाए तो 55.97 रुपए दिल्ली वाले टैक्स चुकाते हैं। ऐसा ही कुछ हाल डीजल का भी है। एक्साइज ड्यूटी 31.83 रुपए, वैट 10.85 रुपए और डीलर कमीशन 2.53 रुपए प्रति लीटर है। यानी दिल्ली के लोगों 45.21 रुपए प्रति लीटर टैक्स और कमीशन चुकाना पड़ता है।

Hindi News / Business / Market News / एक्सपर्ट्स का दावाः इस महीने से एक लीटर पेट्रोल के लिए चुकाने पड़ सकते हैं 100 रुपए

ट्रेंडिंग वीडियो