तब और अब में अंतर-
वहीं इसी दौरान भारत में पेट्रोल के दामों में 7.71 और डीजल के दामों में 7.40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि जब 112 डॉलर प्रति बैरल का कच्चा तेल था, तब यूपीए सरकार पेट्रोल 65.76 रुपए में बेच रही थी, लेकिन अब जब यह 63 डॉलर यानी यूपीए की तुलना में 56 फीसदी से कम कीमत है, तब भी एनडीए सरकार पेट्रोल दिल्ली में 89 रुपए के आस-पास बेच रही है।
महानगरों में सोमवार को यह रही कीमत-
आइओसीएल के अनुसार, 22 फरवरी को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमत इस प्रकार है।
यूपीए में 26 फीसदी बढ़ा क्रूड-
साल 2004 में यूपीए सरकार में कच्चे तेल की कीमतें 35 डॉलर प्रति बैरल ही थीं, लेकिन 2011-12 में यह 112 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को पार कर गई। यूपीए के दस साल के शासन में कच्चे तेल की कीमतों में तीन गुना से ज्यादा की बढ़त हुई, जबकि इस दौरान पेट्रोल के दाम में हर साल करीब 4 रुपए की बढ़त हुई और 2004 के 33 रुपए के मुकाबले पेट्रोल की कीमत बढ़कर 2014 में यह 71 रुपए के आस-पास पहुंच गई। पेट्रोल १२ फीसदी ही बढ़ा।
नेपाल से पेट्रोल-डीजल की तस्करी-
नेपाल में डीजल व पेट्रोल का दाम कम होने के कारण भारत-नेपाल बॉर्डर पर बसे इलाकों में गांवों के रास्ते डीजल व पेट्रोल की तस्करी की जा रही है। हालांकि बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही पर रोक है, लेकिन खुली सीमा होने के कारण ग्रामीण रास्ते से तस्करी का खेल चल रहा है। तस्कर साइकिल और बाइक पर गैलन में नेपाल से डीजल और पेट्रोल की तस्करी कर रहे हैं।