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2021 में ही आएगा कंपनी का आईपीओ
ग्रोफर्स के को-फाउंडर और सीईओ अलबिंदर ढींडसा की मानें तो कंपनी का जनवरी में ऑपरेटिंग प्रोफिट काफह बेहतर रहा। साथ ही साल के अंत तक लिक्विडिटी की समस्या भी दूर होने के आसार हैं। सीआईओ के अनुसार ऑपरेटिंग प्रोफिट के बाद उनकी ओर से कोरोना में भी प्रोफिट कमाने के बारे में विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा साल के अंत तक एबिट से पहले कंपनी कमाई और लिक्विडिटी के मामले में पॉजिटिव नोट की ओर आगे बढ़ रही है। उनकी शेयर मार्केट के सेंटिमेंट को भी देख रहे हैं। ऐसे में 2021 के आखिरी महीनों में बाजार में उतरने का टारगेट रखा गया है।
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6 हजार करोड़ आंकी गई है कंपनी
ग्रोफर्स की ओर से 2022 में शेयर बाजार में आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपए कमाई की। एक अनुमान के अनुसार ग्रोफर्स की कुल वैल्यूएशन 6,000 करोड़ रुपए आंकी गई है।
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चीनी कंपनी का है निवेश
आपको बता दें कि ग्रोफर्स को चीनी कंपनी सॉफ्ट बैंक का समर्थन मिला है। जानकारी के अनुसार ग्रोफर्स में साफ्ट बैंक का करीब 200 मिलियन डॉलर का निवेश है। बीते कुछ हफ्तों से चीन और भारत के बीच के रिश्तों में काफी खटास आई है। जिसकी वजह से चीनी कंपनियों के अलावा वो भारतीय कंपनियां भी निगाहों में हैं, जिनमें चीनी कंपनियों का निवेश है।