पतंजलि को हुआ करोड़ों का घाटा
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से मिली जानकारी के मुताबिक पतंजलि ने सालाना वित्तीय रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीते वित्त वर्ष 2018-19 में भी पतंजलि की बिक्री में और भी ज्यादा कमी आई होगी। केयर रेटिंग्स ने इस साल अप्रैल में बताया था कि 31 दिसंबर 2018 तक की तीन तिमाही में पतंजलि ने सिर्फ 4,700 करोड़ रुपए के उत्पाद बेचे थे।
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कंपनी की टर्नओवर में आई गिरावट
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि पतंजलि के टर्नओवर में गिरावट का बड़ा कारण GST है। जानकारों का मानना है कि कंपनी जीएसटी के हिसाब से अपने आप को मैनेज नहीं कर पाई, जिसके कारण कंपनी को भारी घाटा हुआ है। वहीं, इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि गलत फैसलों की वजह से कंपनी की महत्वाकांक्षाओं में रुकावट आई है।
प्रतिद्वंदी कंपनियां बना रहीं नए-नए प्लान
आपको बता दें कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को प्रतिद्वंदी कंपनियों ने भी काफी नुकसान पहुंचाया है क्योंकि बाजार में अब पतंजलि का प्रभाव पहले की तुलना में कम हो रहा है। पतंजलि की कॉम्पटीशन वाली कंपनियां बाजार में अपनी बिक्री को बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही हैं। इसका असर भी पतंजलि की बिक्री पर पड़ा है।
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अन्य कंपनियां भी ला रहीं नैचुरल प्रोडक्टस
इसके अलावा अब हर्बल, आयुर्वेदिक और नैचुरल प्रोडक्टस के सेक्टर में कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने भी अपने उत्पाद लॉन्च कर दिए हैं। हिन्दुस्तान यूनिलिवर ने अपने आयुर्वेदिक पर्सन केयर प्रोडक्ट्स वाले लीवर आयुष ब्रांड को रीलॉन्च किया है। इसके अलावा इंदुलेखा ने हेयरकेयर ब्रांड को खरीदा है और सिट्रा स्किनकेयर ब्रांड लॉन्च किया है।
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