अक्षय तृतीया के दिन कारोबार
वास्तव में अलग-अलग राज्यों में सोने की खरीदारी अलग -अलग होती है। ऐसे में अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हैं, कि देश में अक्षय तृतीया के दिन की सोने की कितनी बिक्री होती हैँ लेकिन पिछले साल के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो अक्षय तृतीया के दिन 23 टन सोने की बिक्री हुई थी। जबकि 2018 में सोने की बिक्री 19 टन देखने को मिली थी। मुंबई ज्वेलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार जैन के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन पूरे देश में करीब 40 से 50 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। उन्होंने बताया कि अकेले महाराष्ट्र में गुड़ी पढ़वा और अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर 450 करोड़ के आसपास कारोबार होता है।
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35 फीसदी सिक्का और 65 फीसदी ज्वेलरी कारोबार
जानकारों की मानें तो देश में अक्षय तृतीया, धनतेरस जैसे त्योहारों में 35 फीसदी बिक्री सिक्कों की होती है। जबकि 65 फीसदी बिक्री ज्वेलरी की होती है। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि आने वाले दिनों में लॉकडाउन की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में 26 अप्रैल को आने वाला अक्षय तृतीया पूरी तरह से लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया है। अगर खास बात तो ये है कि 26 अप्रैल को रविवार का दिन है। ऐसे में वायदा बाजार में भी कारोबार मुमकिन नहीं है। ऐसे में वायदा कारोबार को भी बड़ा नुकसान होने की उम्मीद है।
45 हजार है सोने के दाम
मौजूदा समय में सोने के दाम 45 हजार प्रति दस ग्राम के आसपास है। ऐसा पहला मौका है जब देश में अक्षय तृतीया के मौके पर दाम 43 से 45 हजार के आसपास ही रहेंगे। केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि वायदा बाजार में सोना 45 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास देखने को मिल रहा है। वहीं हाजिर बाजार में सोने के दाम 43 हजार के आसपास देखने को मिल रही है। अगर लॉकडाउन और बढ़ता है तो कारोबार मुमकिन नहीं हो पाएगा। वहीं रविवार होने की वजह से देश में वायदा कारोबार भी बंद होता है। आपको बता दें पिछले साल अक्षय तृतीया के दिन दिल्ली में सोने का भा व 32,750 रुपए प्रति 10 ग्राम था। जबकि वायदा कारोबार में सोने का भाव 31,755 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास था।
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जून के बाद ही शुरू होगा कारोबार
यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि प्रकाश अग्रवाल के अनुसार मौजूदा समय में सोने के भाव विदेशी बाजारों की वजह से बढ़े हुए हैं। आने वाले दिनों में विदेशी बाजारों में सोना २००० डॉलर प्रति ओंस के आसपास पहुंच सकता है। जिसकी वजह से आने वाले दिनों में डिमांड भी कम देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि सर्राफा बाजार में खरीदारी जून के बाद ही देखने को मिलेगी। उस वक्त भी देश को कोरोना वायरस लॉकडाउन का असर जारी रहेगा। इस साल सोने का आयात 50 कम रह सकता है। आपको बता दें कि हर साल औसतन 800 टन सोना आयात किया जाता है।