प्रस्ताव हो रहा तैयार इस योजना पर काम करने के लिए वित्त मंत्रालय में प्रस्ताव तैयार हो रहा है। वित्त मंत्रालय कई विकल्पों पर विचार कर रहा है जिसमें आधार या अन्य आईडी प्रूफ भी शामिल हो सकता है। माना जा रहा है कि पैन नंबर के स्थान पर अब सरकार आधार नंबर को प्राथमिकता दे सकती है।
ओटीपी वेरिफिकेशन होगा जरूरी आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कई बुलियन सोदों में पैन नंबर के गलत इस्तेमाल के बाद ऐसे लेन-देन के लिए आधार नंबर को ओटीपी वेरिफिकेशन के साथ अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। जुलाई 2019 में पेश किए गए बजट में सोना-चांदी पर आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया है। इसका ज्वैलर्स ने विरोध किया था जिसका परिणाम यह निकला कि सोना-चांदी की तस्करी बढ़ गई है।
2 लाख से ज्यादा की खरीद पर पैन जरूरी
अभी फिलहाल दो लाख रुपए से ज्यादा की सोना-चांदी की ज्वैलरी खरीदने के लिए पैन नंबर देना अनिवार्य है। हालांकि, ज्वैलर लंबे समय से इस सीमा का विरोध कर रहे हैं। ज्वैलर्स को कहना है कि इस सीमा को बढ़ाकर पांच लाख किया जाए। द बुलियन एसोसिएशन के प्रेसीडेंट तरुण गुप्ता के मुताबिक नए नियम से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना होगा। गुप्ता का कि भारत एक परंपराओं वाला देश है और यहां बेटी की शादी पर सामान्य तौर पर 2 लाख रुपए तक की ज्वैलरी दी जाती है। यदि यह नियम बनता है तो आम लोगों को इसके लिए आधार नंबर देना होगा।