बता दें कि, पिछले साल यानी 2021 में करीब आधा दर्जन बाघों ने भी नेशनल पार्क में अपनी जान गंवाई थी। वहीं, पिछले तीन वर्षों में यहां 14 बाघों की मौत हो चुकी है। इस वर्ष पहली मौत 26 जनवरी 2021 को बाघिन शिकारियों ने मार डाला तो 13 फरवरी 2021 को दूसरे नर बाघ की मौत आपसी झगड़े में हो गई। आठ मई 2021 को भी एक बाघ का शव मिला है और अब वर्ष 2022 के दूसरे माह में ही बाघ की मौत हो गई है।
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2019 में मध्य प्रदेश को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा
गौरतलब है कि, साल 2019 में मध्यप्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा हासिल हुआ है। एक बार फिर बाघों की गणना शुरू कर दी गई है। कान्हा नेशनल पार्क में बाघों की गणना के बाद वर्ष 2019 में 118 बाघ मिले थे।
शरीर से अलग था बाघिन का सिर
कान्हा टाईगर रिजर्व के मंडला कान्हा परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 6 में 8 फरवरी को को गश्ती में लगभग 2-3 दिन पुराना बाघिन के 8 से 9 माह के शावक का शव देखा गया। शव के निरीक्षण में ये सामने आया कि, मादा बाघ का सिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर शरीर से अलग हो गया। हालांकि, अन्य सभी अंग शरीर में सुरक्षित पाए गए। शावक का शव 2 से 3 दिन पुराना है और सिर अलग हो गया है। शावक की मौत बड़े बाघ के हमले से बताई जा रही है।
गश्त के दौरान दिखा था शव
जानकारी के अनुसार, कान्हा परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 106 में गश्ती के दौरान अमला ने शावक का शव देखा, इसकी सूचना क्षेत्र संचालक को दी गई। सूचना के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव का पीएम डॉ. संदीप अग्रवाल के द्वारा किया गया है। शावक के सेंपल फोरेंसिक जांच के लिए रखे गए है। इसके बाद शावक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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