तीन स्थानों में उत्तरवाहिनी परिक्रमा
जानकारी अनुसार विगत दिनों नर्मदा परिक्रमा पर निकले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गुरू श्रृद्धेय विवेक का मंडला आगमन हुआ था, उन्होंने सत्संग के दौरान उत्तरवाहिनी परिक्रमा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि क्यों मां नर्मदा ने कभी उत्तर दिशा और कभी दक्षिण दिशा की ओर प्रवाह किया। इसके आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारणों को भी उन्होंने विस्तार से बताया। पूरे नर्मदा क्षेत्र में 3 स्थान ऐसे हैं जहां माँ नर्मदा उत्तरवाहिनी हुई हैं, इनमें से एक गुजरात प्रदेश में तिलकवाड़ा, दूसरा क्षेत्र मंडला और तीसरा ओमकारेश्वर के पास का स्थान है जो कि अब बांध बन जाने से डूब क्षेत्र में आकर विलोपित हो गया है। गुजरात के तिलकवाड़ा में उत्तरवाहिनी परिक्रमा वर्षो से की जा रही है। यह आयोजन उस क्षेत्र का बहुत बड़ा आयोजन होता है। जिसके लिए शासन द्वारा बसों का प्रबंध लोगों के आने-जाने के लिए विशेष रूप से किया जाता है। पूरे परिक्रमा मार्ग पर अब बड़े-बड़े दर्शनीय मंदिरों का और आश्रमों का निर्माण हो चुका है। परिक्रमा करने वाला व्यक्ति इन मंदिरों और धार्मिक स्थलों का दर्शन करते हुये परिक्रमा करता है, यह परिक्रमा पूरे चैत्र माह में जारी रहती है।