आपको बता दें कि मंडला शहर के श्रीराम वार्ड के रहने वाले 48 वर्षीय अखिलेश अग्रवाल को उल्टे शब्द बनाकर लिखने का हुनर बचपन से ही है। इसकी शुरुआत उन्होंने एक मेले से की, जहां लगे एक स्टाल पर उल्टे अक्षर लिखने वाले को 2 रुपए मिलते थे। अखिलेश ने वहां 4 से 5 अक्षर लिखे, लेकिन स्टाल मालिक ने उनके अक्षर को गलत ठहरा दिया। तब से ही अखिलेश ने ठान लिया कि वो अब रोजाना उल्टे अक्षर लिखने की प्रेक्टिस करेगा। इसके बाद उल्टे शब्द लिखने का जुनून इतना बढ़ा कि अब वो फर्राटेदार हिन्दी उल्टे अक्षरों में लिखते हैं।
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कई धर्म ग्रंथ उल्टे लिख दिए
बता दें कि अखिलेश पहले सामान्य पन्नों में लिखा करते थे, लेकिन उनका जोश और जुनून को देखकर परिवार ने उन्हें एक रामायण सौंप दी और उसे देखकर उल्टा लिखने लगे। उन्होंने रामायण को महज 25 से 30 दिनों के भीतर ही पूरी तरह से उल्टा लिख डाला। यही नहीं, इसके अलावा गीता को भी महज 4 दिनों के भीतर ही उन्होंने उल्टे शब्दों में लिख दिया।
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‘बेहद अनोखी है अखिलेश की कला’
फिलहाल अखिलेश की मांग है कि उनके हाथों से लिखी गई उल्टी रामायण आयोध्या में रखी जाए। वहीं उन्हें आगे बढ़ने के लिए उनके मित्र और परिवार के लोग उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। उनके इस हुनर पर वो अपने दोस्तों और सहपाठियों कें बीच भी चर्चा का विषय बने रहते हैं। अखिलेश के दोस्तों के अनुसार उनकी ये कला बेहद अनोखी है।