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मंडला

कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर लगा प्रश्नचिन्ह

विश्व आदिवासी दिवस पर घोषित अवकाश को किया निरस्त

मंडलाAug 07, 2021 / 04:43 pm

Mangal Singh Thakur

question mark on the functioning of the collector

question mark on the functioning of the collector

मंडला. कलेक्टर हर्षिका सिंह की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इसका कारण है कलेक्टर द्वारा आमंत्रण देकर बुलाई गई सर्व आदिवासी समाज संगठन की बैठक में चर्चा के दौरान लिए गए निर्णय को निरस्त करना। गौरतलब है कि 4 अगस्त को कलेक्टर सिंह ने जिले की समस्त आदिवासी संगठनों और सभी जनप्रतिनिधियों को योजना भवन में बुलाकर बैठक की और निर्णय लिया कि 9 अगस्त का विश्व आदिवासी दिवस पर स्थानीय अवकाश घोषित किया जाएगा। बैठक में विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम की रूपरेखा पर सहमति बनी। यह भी तय हुआ कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम संक्षिप्त रूप में ग्राम एवं विकासखंड स्तर पर किया जाएगा।
भाईदूज के अवकाश के बदले
5 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय से लिखित आदेश जारी किया गया कि मंडला जिले के लिए 6 नवंबर 2021 शनिवार को भाई दूज का स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था जिसे निरस्त किया जाता है। इसके स्थान पर 9 अगस्त 2021 को विश्व आदिवासी दिवस का स्थानीय अवकाश घोषित किया जाता है। लेकिन कुछ घंटों बाद एक नए आदेश जारी कर विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश को निरस्त कर दिया।
तो क्यों बुलाई बैठक?
गौरतलब है कि कलेक्टर द्वारा बुलाई गई बैठक मे 30 सर्व आदिवासी समाज के संगठनों के मुखिया शामिल हुए थे। विश्व आदिवासी दिवस को स्थानीय अवकाश घोषित कर उसे निरस्त करने से जिले के आदिवासी समाज में जबर्दस्त रोष व्याप्त है। आदिवासी समाज के नेताओं का कहना है कि यदि अवकाश निरस्त करना था तो इसकी घोषणा क्यों की गई? इसके लिए पहले समाज के सभी प्रमुखों की बैठक क्यों बुलवाई गई? सभी की सहमति पर पहले ही इस दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को संक्षिप्त रूप दिए जाने पर सहमति बन चुकी थी। भाईदूज के अवकाश को निरस्त कर आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किया गया था।
जनप्रतिनिधियों में रोष
* कलेक्टर की विशेषाधिकार पर भी सरकार का दबाव है। दबाव में आदिवासी विरोधी निर्णय लिया गया है। अवकाश निरस्त का आदेश कलेक्टर द्वारा जारी करना, कलेक्टर पर शासकीय दबाव से ही संभव है। बीजेपी सरकार का निर्णय औऱ प्रशासनिक दबाव समझ से परे है। उससे ज्यादा बीजेपी नेताओं की चुप्पी समझ से परे है।
डॉ अशोक मर्सकोले विधायक निवास, संरक्षक आदिवासी महापंचायत, गढ़ा मंडला।
* सभी आदिवासी समाज के प्रमुखों की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद कलेक्टर हर्षिका सिंह ने अपने विशेषाधिकार से विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किया और फिर उसे निरस्त कर दिया। तो फिर बैठक का औचित्य क्या रहा? कलेक्टर का यह निर्णय समझ से परे है।
नारायण सिंह पट्टा, विधायक, बिछिया विधानसभा, मंडला।
* गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने 5 अगस्त को कोविड गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाते हुए अपने अपने मुद्दों पर आंदोलन किया। विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के दौरान, जिले में फिर कहीं कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन नहीं किया जाए, इसलिए विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश को निरस्त किया गया है।
देवसिंह सैयाम, विधायक, मंडला विधानसभा, मंडला।

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