सफाई, मेंटेनेंस, सौंदर्यीकरण का काम भी प्रभावित
मंडला•Oct 07, 2021 / 10:03 pm•
Mangal Singh Thakur
Municipal system deteriorated due to lagging behind in tax collection
मंडला. एक ओर पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है और दूसरी ओर आदिवासी बहुल्य जिले की मुख्य नगरपालिका संभवत: इस अभियान से अछूती पड़ी है। नगर के अधिकतर वार्ड पूरी तरह से अव्यवस्थित और जगह जगह कचरे के ढेर से अटे पड़े हैं। सिर्फ कचरा ही नहीं, अधिकांश व्यवस्थाएं पटरी से उतरी हुई हैं। यह नगर तीनों ओर से पुण्य सलिला मां नर्मदा से घिरा हुआ है। यही कारण है कि इस नगरपालिका क्षेत्र में छोटे बड़े लगभग 22 घाट हैं जो पूरी तरह से अव्यवस्थित और बारिश में बाढ़ के साथ आई कापू से अटी पड़ी हैं। वार्डवासियों का कहना है कि कई बार कचरा वाहन उनके वार्ड के मुख्य मार्गों तक भी नहीं पहुंचते। शहर के सारे नालों और नालियों का गंदा पानी नर्मदा में समा रहा है और इसे बुरी तरह से प्रदूषित कर रहा है। साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण और देश के शहीदों के सम्मान में बनाए गए स्मारक भी बिना मेंटेनेंस धूल, मिट्टी, झाडिय़ों के कारण अपनी रौनक खो चुके हैं।
इन सबका कारण बताया जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के छह महीने गुजर चुके हैं। अप्रैल से सितंबर माह के बीच टैक्स वसूली मात्र 3-4 प्रतिशत ही हो पाई है। इसका कारण कोरोना संकट और इस दौरान लागू किए गए लॉकडाउन को बताया जा रहा है।
मात्र 4 प्रतिशत की वसूली
नगरपालिका के राजस्व के आंकड़े बता रहे हैं कि चालू वित्तीय वर्ष के पहली छिमाही में निर्धारित कर वसूली का मात्र 4.88 प्रतिशत ही औसत वसूली हो पाई है। संपत्ति कर के लिए 16.07 लाख रुपए का लक्ष्य रखा गया, वसूली हुई मात्र 2.46 लाख रुपए। इसी तरह समेकित कर का लक्ष्य 7.03 लाख रुपए, वसूली हुई 51 हजार, शिक्षा उपकर निर्धारित किया गया 3.61 लाख वसूली हुई 53 हजार, नगरीय विकास कर का लक्ष्य 4.75 लाख, इसके एवज में वसूली हुई 63 हजार, कचरा संग्रहण शुल्क निर्धारित किया गया 2.74 लाख और वसूली मात्र 29 हजार रुपए। यही कारण है कि नगरीय व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और फंड के अभाव में अधिकांश कार्य धरे के धरे रह गए हैं।
केस 01
नहीं उठ रहा कचरा
महात्मा गांधी वार्ड के नजदीक कचरे का ढेर पड़ा होने के कारण यहां पूरे दिन सड़ांध उड़ती रही। मुख्य मार्ग पर लगे कचरे के ढेर को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या इस मार्ग से कचरा वाहन गुजरा होगा और यदि गुजरा भी तो क्या इस ढेर को वाहन में समेटा गया?
केस 02
मिट्टी में गुम हो रहे घाट
नर्मदा के सभी महत्वपूर्ण घाट बारिश में बहकर आई मिट्टी में दब चुके हैं और इनकी सीढिय़ां कापू में गुम हो चुकी हैं। घाटों का सौंदर्य पूरी तरह से खत्म हो चुका है। शहर के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में से एक नाव घाट की हालत भी बेहद दयनीय हो चुकी है और नर्मदा नदी की पूजा करने वालों की आस्था को चोट पहुंच रही है।
केस 03
नर्मदा में मिल रहे नाले
शहर के सभी बड़े नाले नर्मदा के घाटों में ही मिल रहे हैं और घाट का पानी प्रदूषित होने के साथ साथ बदबूदार और जहरीला होता जा रहा है। सभी नालों को एक विशाल परियोजना के जरिए जोड़कर उसके पानी को फिल्टर कर नर्मदा में छोड़े जाने का प्रोजेक्ट भी आधे अधूरे निर्माण के बाद बंद कर दिया गया है।
केस 04
बदहाल हो रहे स्मारक
शहर के सौंदर्यीकरण का प्र्रतीक रहे शहीदों के स्मारक देखरेख के अभाव में बदहाल हो गए हैं। अब इन स्मारकों के चारों ओर अतिक्रमण, अवैध कब्जा और अवैध पार्किंग की जा रही है। स्मारक झाडिय़ों के ढेर में गुम हो रहे हैं क्योंकि इन स्मारकों की देखरेख के लिए किया जाने वाला मेंटेनेंस बंद हो चुका है।
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