पुष्य नक्षत्र का उठाया फायदा
इस साल दिवाली पर त्यौहारी खरीदी के साथ लोगों ने शादियों के लिए भी गहने लिए। इसका एक बड़ा कारण सोने के दाम कम होना था। इसका फायदा ग्राहकों को मिला। उन्होंने ज्यादा वजन और फैंसी दोनों ही प्रकार के सोना और चांदी के गहने खरीदे। सराफा बाजार में पुष्य नक्षत्र से जो कारोबार शुरू हुआ वह दिवाली तक चला। रात में 12 बजे तक दुकानों में खरीदी चलती रही।
खरीदी में ग्राहकों ने दिखाई दिलचस्पी
पैंट और डिस्टेंपर का मार्केट एक महीने से ऊंचाई पर है। कंपनियां जितना सालभर में व्यवसाय करती हैं, उसका 50 से 60 प्रतिशत कारोबार वे दिवाली पर करते हैं। फर्नीचर को लेकर ग्राहकों की दिलचस्पी नजर आई। फर्नीचर के दुकानों में बड़ी संख्या में लोग खरीदी करते नजर आए। कपड़ा, सजावटी लाइट, पूजन सामग्री और मिठाइयों का कारोबार भी खूब चला
शहर में एक सप्ताह में अनुमानित कारोबार सराफा 15-20 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक 2-3 करोड़ ऑटो मोबाइल 10-15 करोड़ फर्नीचर 2-3 करोड़ कपड़े 60-70 लाख बर्तन 1-2 करोड़
20 फीसदी अधिक बिके वाहनकारों के अलावा मोटरसाइकल और स्कूटर का कारोबार भी सामान्य दिनों की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत ज्यादा रहा। मोटरसाइकल और स्कूटर का कारोबार भी पहले की तुलना में ज्यादा हुआ। इस बात को ध्यान में रखते हुए शोरूम संचालकों ने इनका स्टॉक किया था। कार की भी डिमांड ज्यादा रही। कार निर्माता कंपनियों ने सप्लाई भी पहले से की थी। लोग अपनी पसंद की कार घर ले गए।
इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के लिए भी यह त्यौहार बेहतर साबित हुआ। लोगों ने नई तकनीक वाली चीजें खरीदीं। कंपनियों ने भी नए मॉडल बाजार में उतारे हैं। उनकी कीमत ज्यादा थी तो फाइनेंस स्कीम भी उपलब्ध कराईं। मोबाइल से कनेक्ट होने वाली स्मार्ट टीवी की मांग रहीं। इसी प्रकार स्क्रीन का आकार, साउंड और आंखों को कम नुकसान पहुंचाने वाली तकनीक से बनी एलईडी टीवी की बिक्री खूब रही। वाशिंग मशीन, फ्रीज और माइक्रोवेव की खरीदी-बिक्री इसी बात को ध्यान में रखकर की गई।
कपड़ा के व्यापार ठीक रहा। त्योहार में लोगों ने जमकर खरीदी की। साथ ही आने वाले शादियों के समय में भी लग रहा है कि अच्छे कारोबार होगा। दो साल की अपेक्षा इस बार सभी कपड़ा व्यापारियों ने राहत की सांस ली।