मीटिंग शेड्यूल करें
बॉस के साथ अलग-अलग बात करने के बजाय एम्प्लॉइज को एक मीटिंग शेड्यूल करनी चाहिए। इसमें उन्हें अपने रोल्स और डिलीवरेबल्स के बारे में चर्चा करनी चाहिए। मीटिंग में अपने विचारों को खुलकर प्रकट करना चाहिए। अपने विचारों को प्रकट करने से टीम और बॉस दोनों के बीच में विश्वास कायम होता है।
संवाद का तरीका
यदि आप अपने बॉस के संवाद करने के तरीके को समझ जाते हैं तो आपको काफी फायदा हो सकता है। इससे आपको पता लग जाता है कि गैप कहां है व इसे कैसे पूरा कर सकते हैं। आपको बॉस के संवाद के तरीके को फॉलो करना चाहिए और काम के दौरान संवाद पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
काम की याद दिलाएं
आपको बॉस को महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी प्रदान करनी चाहिए और जरूरी कामों के बारे में रिमाइंडर देना चाहिए। यह काम सभ्यता और विनम्रता से पूरा करना चाहिए। इससे आपको दुबारा बात करने का मौका मिल जाता है। इस तरह आप बॉस की गुड बुक में भी आ जाते हैं।
विश्वास हासिल करें
आपको बॉस का भरोसा हासिल करना चाहिए ताकि उसे लगे कि आप किसी भी असाइनमेंट में सफल हो सकते हैं। आपको बॉस से यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि बेहतर परफॉर्मेंस के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। आपको हर काम के प्रति प्रोएक्टिव अप्रोच रखनी चाहिए। आपको आगे का रास्ता जानने के बजाय नए आइडिया का सुझाव देना चाहिए। आपके आइडियाज से कंपनी और बॉस को फायदा होना चाहिए। नए विचारों से बॉस की निगाहों में आपका महत्व काफी बढ़ जाता है।
सबसे सूचनाएं लें
अगर अपने बॉस को समझने के आपके सारे प्रयास बेकार जाते हैं तो आपको अपने कलीग्स और सीनियर्स से इस बारे में गाइडेंस लेना चाहिए। आपको संस्थान में अलग-अलग लोगों से सूचनाएं इकट्ठी करनी चाहिए और जानना चाहिए कि बॉस के काम करने की स्टाइल क्या है और उससे किस तरह से बेहतर संवाद स्थापित किया जा सकता है। आपको सबके बताए गए तरीकों को ट्राई करना चाहिए और जो तरीका सबसे अच्छा लगे, उसे अपनी लाइफ स्टाइल में शामिल करना चाहिए।