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फंड के कोष का 80 फीसदी इक्विटी में निवेश
फंड के कोष का 65 फीसदी से 80 फीसदी इक्विटी में निवेश किया जाएगा। इसमें श्रीराम एएमसी के स्वामित्व वाले एन्हांस्ड क्वांटामेंटल इंवेस्टमेंट मॉडल के 30 से 40 स्टॉक शामिल हैं। मॉडल पोर्टफोलियो निर्माण के लिए वोल्यूम के साथ-साथ मौलिक इनपुट को एकीकृत करते हुए बेहतर फंड प्रदर्शन के लिए सही निवेश निर्णय लेने के लिए सांख्यिकीय डेटा पर निर्भर करता है। इक्विटी में 65 फीसदी का न्यूनतम आवंटन इस फंड में निवेशकों को 10 फीसदी के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से लाभ उठाने की अनुमति देता है। यह फंड किसी भी क्रेडिट जोखिम से बचने के लिए उच्च रेटिंग (एएए) लघु से मध्यम अवधि के डेट में 10 फीसदी से 25 फीसदी धनराशि आवंटित करेगा। सरकार और सरकार समर्थित प्रतिभूतियों में, गोल्ड, सिल्वर ईटीएफ में 10 फीसदी से २५ फीसदी, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट में 10 फीसदी तक के निवेश का विकल्प है।
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इक्विटी रिटर्न के साथ कम अस्थिरता
श्रीराम एसेट मैनेजमेंट के एमडी कार्तिक एल जैन ने कहा कि पिछले पांच सालों के विश्लेषण से पता चलता है कि मल्टी एसेट एलोकेशन फंड की श्रेणी में इक्विटी जैसे रिटर्न के साथ कम अस्थिरता देखी गई है। इसलिए लक्ष्य नियोजन के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। सोने में निवेश से हमें विशेष रूप से संकट की अवधि के दौरान बाजार की अस्थिरता से बचाव मिलता है। म्यूचुअल फंड कारोबार को मजबूत करने के लिए, श्रीराम ग्रुप ने पिछले साल अमेरिका स्थित मिशन1 इन्वेस्टमेंट्स एलएलसी को अपने रणनीतिक साझेदार के रूप में लाया था। इसके साथ, श्रीराम एएमसी ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता ला दी है और अपने ग्राहकों के लिए प्रासंगिक निवेश समाधान पेश किए हैं।
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कर कुशल निवेश विकल्प
यह नया फंड निवेशक को एक वित्तीय वर्ष में पूंजीगत लाभ के एक लाख को पार करने पर 10 फीसदी की दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर का फायदा होता है। यदि कोई निवेशक अपने परिसंपत्ति आवंटन को पुनर्संतुलित करने के लिए इक्विटी, ऋण, सोना अलग-अलग खरीदता, बेचता है, तो उसे प्रत्येक लेनदेन पर पूंजीगत लाभ कर का सामना करना पड़ सकता है। जब फंड मैनेजर स्कीम के भीतर लेनदेन करता है, तो स्कीम पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगता है। ये दो पहलू इस फंड को निवेशकों के लिए कर कुशल निवेश विकल्प बनाते हैं।