प्राथमिकताएं तय करें
अगर आप ऑफिस में लगातार हर काम के लिए हां कहते जा रहे हैं तो खुद को बदलने की कोशिश करें। कुछ कामों को मना करने की आदत डालें। अगर आप सबको हां कहते रहेंगे तो इससे आपके काम की क्वॉलिटी पर नेगेटिव असर पड़ेगा। आपको अपनी प्राथमिकता और सीमाएं तय करनी होंगी।
खुद का असेसमेंट करें
अगर आपको जरूरत से ज्यादा काम दिया जा रहा है तो इच्छित आउटपुट के बारे में क्लीयर कर लें और डेडलाइन्स के बारे में भी समय रहते बात कर लें। एक बार डेडलाइन बदल जाती है और प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए बॉस को बता दें कि आपके पास कितना काम है और कब तक पूरा होगा।
प्राथमिकताओं पर गौर
आपको किसी भी काम को मना करने के लिए सबसे पहले अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर लेना चाहिए। इस तरह आप रूटीन, महत्वपूर्ण और तत्काल किए जाने वालों कार्यों का वर्गीकरण कर पाएंगे। आप अपनी क्षमताओं के बारे में पूरी तरह से जागरुक रहें।
शांत रहें
वर्कप्लेस पर कुछ एम्प्लॉइज तुरंत खुद को बदलने की कोशिश करते हैं। वे एकदम से सख्त हो जाते हैं और हर काम के लिए मना करने लगते हैं। यह व्यवहार सही नहीं है। इससे आपके मैनेजर को बुरा लग सकता है। आपको छोटे कदम लेने चाहिए व माइलस्टोन्स सेट करने चाहिए। इससे मैनेजर और आपके साथियों को झटका नहीं लगता है और वे समझ जाते हैं कि आप लिमिट में रहकर काम करेंगे।
बाहर की मदद लें
आप ट्रेंड काउंसलर की मदद ले सकते हैं। वह आपकी पर्सनेलिटी प्रोफाइल का पता लगाएगा और बताएगा कि क्यों आप काम के बोझ से दबे रहते हैं। वर्कप्लेस पर सही माहौल बनाने के लिए अपनी क्षमताओं को समझकर ऐसे कार्यों को हाथ में लें, जिनमें आप बेस्ट परिणाम दे सकते हों। काम को टुकड़ों में बांटकर पूरा करें और एक काम पूरा होने के बाद ही दूसरे के बारे में विचार करना चाहिए।