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स्कूल में फेल होने पर आ गई थी डिप्रेशन में
रिटायर्ड डिप्टी डिस्ट्रिक अटॉर्नी, होशियारपुर बलजिंदर सिंह के घर जन्मी रुक्मणि को बहुत छोटी उम्र में ही बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया था। यहां रुक्मणि बोर्डिंग स्कूल का प्रेशर सहन नहीं कर पाई और छठी कक्षा में फेल हो गई। इसके बाद वह डिप्रेशन में आ गई। डिप्रेशन के चलते वह परिवार तथा टीचर्स के सामने नहीं जाती थी।
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काफी दिनों तक इसी तरह दूसरों से अलग-थलग रहने के बाद उन्होंने वापिस मन बनाया कि वह एक बार फिर से कड़ी मेहनत करेंगी और अपनी हर असफलता का जम कर मुकाबला किया। इसके बाद उन्होंने आगे पढाई के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में एडमिशन लिया और वहां से मास्टर्स की डिग्री ली। इस दौरान उन्होंने कई NGO में भी काम का अनुभव लिया। मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद उन्होंने UPSC सिविल सर्विस के लिए तैयारी की और पहली बार में ही बिना किसी ट्यूशन अथवा कोचिंग के वर्ष 2011 में UPSC Civil Service Exam टॉप किया।