ये भी पढ़ेः ऐसे स्टार्ट करे इंटरनेशनल बिजनेस तो हर हाल में मिलेगी कामयाबी ये भी पढ़ेः अगर आजमाएंगे ये टिप्स तो आपको करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता जीसस के सभी शिष्य और उनके आस-पास के लोग जीसस के चमत्कारों में विश्वास करते थे और उनके प्रति श्रद्धा रखते थे परन्तु थॉमस उनके हर चमत्कार पर संदेह करता था। थॉमस का मानना था कि आखिर कैसे कोई चमत्कार हो सकता है, कोई भी बीमार कैसे हाथों के स्पर्श मात्र से सही हो सकता है? एक बार की बात है कि जीसस एक मरीज को अपने हाथों के स्पर्श से निरोगी बनाने का प्रयास कर रहे थे परन्तु ऐसा हो नहीं पा रहा था।
काफी प्रयासों के बाद भी जब जीसस उसे सही नहीं कर पाए तब उन्होंने चिंतन किया कि आखिर माजरा क्या है। उन्हें कमरे के ही एक कोने में थॉमस बैठा दिखाई दिया। उन्होंने उसे बाहर भेज दिया और फिर मरीज के शरीर पर हाथ फेरा और देखते ही देखते मरीज बिल्कुल सही हो गया। पूछे जाने पर जीसस ने कहा कि थॉमस की नकारात्मक सोच ही चमत्कार को होने से रोक रही थी। जैसे ही माहौल से नकारात्मकता दूर हुई, चमत्कार घटित हो गया।
इस उदाहरण से यह साबित होता है कि कामयाबी पाने के लिए न केवल अनुभव, ज्ञान और मेहनत की जरूरत होती है वरन सकारात्मक सोच भी आवश्यक है। सकारात्मक सोच के बिना हम जीवन में कभी कामयाबी नहीं पा सकते, इसलिए सदैव खुद को सकारात्मक बनाए रखें।