scriptपिता की मौत से लगा ऐसा धक्का, बेटे ने इंडिया की सबसे बड़ी IT कंपनी खोल दी | Motivational story of Azim Premji in hindi | Patrika News
मैनेजमेंट मंत्र

पिता की मौत से लगा ऐसा धक्का, बेटे ने इंडिया की सबसे बड़ी IT कंपनी खोल दी

अब तक 1,45,000 करोड़ रुपए दान कर चुके हैं।

Apr 07, 2019 / 06:30 pm

सुनील शर्मा

startups,success mantra,start up,Management Mantra,motivational story,career tips in hindi,inspirational story in hindi,motivational story in hindi,business tips in hindi,azim premji biography,

startups,success mantra,start up,Management Mantra,motivational story,career tips in hindi,inspirational story in hindi,motivational story in hindi,business tips in hindi,azim premji biography,

मुम्बई के एक साधारण परिवार में जन्मे विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी एक बार फिर से इंटरनेशनल मीडिया की सुर्खियों में है। प्रेमजी ने हाल ही अपनी निजी संपत्ति में से 52 हजार 750 करोड़ रुपए की राशि को दान करने का ऐलान किया है। यह राशि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को ट्रांसफर की जाएगी। बंगलुरु हैडक्वार्टर वाली कंपनी विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी इस कदम के बाद दुनिया के टॉप 65 परोपकारी बिजनेसमैन की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। एशिया के सबसे बड़े दानवीर अजीम प्रेमजी अब तक 1,45,000 करोड़ रुपए दान कर चुके हैं।

ये भी पढ़ेः 4 मंत्र जो बदल देंगे आपकी तकदीर, बिजनेस में होगा जबरदस्त फायदा

साधारण परिवार से निकला टायकून
अजीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुम्बई के साधारण बिजनेसमैन मोहम्मद हाशिम प्रेमजी के यहां हुआ था। उनके पिता वेजिटेबल ऑयल व साबुन का बिजनेस करते थे। 1947 में भारत की आजादी और पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने प्रेमजी परिवार को पाकिस्तान आने और वहां के वित्त मंत्री बनने का ऑफर किया था लेकिन मोहम्मद हाशिम प्रेमजी ने भारत में रहने का निर्णय किया।

ये भी पढ़ेः रामायण में छिपे हैं मैनेजमेंट के फंड़े, इन्हें आजमाते ही चमक जाएगी किस्मत

विरासत को संभाला और दी नई दिशा
जब प्रेमजी 21 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। जब वे इंडिया लौटे तो उनके रिश्तेदार व दोस्तों ने बिजनेस छोडक़र नौकरी करने के लिए काफी दबाव बनाया लेकिन प्रेमजी बिल्कुल भी सहमत नहीं हुए। उन्होंने अपने पिता की कंपनी की बागडोर को अपने हाथों में लिया और कंपनी को तरक्की की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर 1980 में विप्रो लिमिटेड रख दिया।

मेहनत से बनाई तीसरी बड़ी कंपनी
प्रेमजी ने आईटी सेक्टर में नई शुरुआत की। वह अमरीकन कंपनी सेंटिनल कम्प्यूटर कॉर्पोरेशन के साथ जुड़े और मिनी कम्प्यूटर निर्माण के क्षेत्र में कार्य करने लगे। प्रेमजी ने विप्रो को आज भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी बनाया है। प्रेमजी को समाजसेवा से काफी लगाव रहा है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सेवा करने के लिए वर्ष 2001 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की।

Hindi News / Education News / Management Mantra / पिता की मौत से लगा ऐसा धक्का, बेटे ने इंडिया की सबसे बड़ी IT कंपनी खोल दी

ट्रेंडिंग वीडियो