इसी दौरान अमित ग्रोवर और कुणाल कृष्णा से उनकी ऑनलाइन दोस्ती हुई, बाद में भोपाल में तीनों की मुलाकात हुई। इसके बाद तीनों ने साथ में टैक्सी सर्विस प्रोवाइड करने का व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया। दरअसल, टैक्सी बिजनेस का आइडिया शिवम को तब आया, जब उन्हें एक दिन इमरजेंसी में दिल्ली से होशंगाबाद जाना था। इसके लिए उन्होंने टैक्सी को चुना, लेकिन टैक्सी को आने-जाने दोनों तरफ का किराया देना पड़ा। तब उन्हें आइडिया क्लिक किया कि रोजाना उनके जैसे बहुत से लोगों को इस तरह से अतिरिक्त किराया चुकाना पड़ता होगा।
भारत सरकार के स्टार्टअप प्रोग्राम के तहत अप्रेल 2015 में तीनों ने पांच लाख रुपए की पूंजी के साथ अहा टैक्सी सेवा शुरू की। पहले ही साल में उनके नोएडा बेस्ड स्टार्टअप का टर्नओवर 10 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। धीरे-धीरे उनका काम देश के बहुत से शहरों में फैल गया। भारत में अहा टैक्सी को कामयाबी मिलने के बाद कंपनी एबिक्सकैश को भी उनकी सर्विस का आइडिया पसंद आया और अहा टैक्सी की 70 फीसदी हिस्सेदारी ले ली। कंपनी का दायरा अब काफी आगे बढ़ चुका है। एक छोटे से आइडिया को उन्होंने सफल बिजनेस मॉडल में तब्दील कर कामयाबी की सीढिय़ां चढ़ी और युवावस्था में ही दूसरों के लिए रोल मॉडल बन गए।