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सुनने की ताकत
आपको अपने टीम मेंबर्स की हर बात को ध्यान से सुनना चाहिए। लोगों से ही संस्थान बनता है। इसलिए उनकी सोच और विचार पर पूरा गौर करना चाहिए। कंपनी के एम्प्लॉइज को महसूस होना चाहिए कि वे आराम से अपने विचारों को बॉस के सामने रख सकते हैं। उन्हें कंपनी के टारगेट्स और बदलावों के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इससे वे कंपनी के साथ पूरी तरह से जुड़ पाते हैं।
सशक्त करें
लीडर को रिएक्ट करना चाहिए और एम्प्लॉइज द्वारा प्रस्तुत किए गए विचारों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। कंपनी को सुझाव सही लगे तो उन्हें लागू करने की दिशा में काम करना चाहिए। किसी भी अच्छी पहल पर एम्प्लॉइज को लीड करने की ताकत देनी चाहिए। यदि एम्प्लॉइज को महसूस हो कि उनके काम करने से बड़ा लक्ष्य हासिल होता है तो वे उत्साह से काम पूरा करते हैं।
यूनिट के जैसे काम करें
वर्कप्लेस पर इस तरह का माहौल पैदा करें कि ओपन इंटरेक्शन ज्यादा से ज्यादा हो और कंपनी में किसी कम्युनिकेशन चैनल पर प्रतिबंध न हो। इससे वे सही तरह से निर्णय ले पाते हैं। टीम के पास काम करने का कोई खास उद्देश्य होना चाहिए। टीम मेंबर्स के अच्छे काम को हमेशा पहचान मिलनी चाहिए। टीम को पुरस्कार देने से वह हमेशा अच्छे काम के तरीके खोजती है। टीम के सदस्यों को प्रोत्साहित करने के लिए नए-नए तरीकों के बारे में विचार करना चाहिए। पूरी टीम को एक यूनिट की तरह काम करना चाहिए। इससे स्ट्रेंथ बनी रहती है।
लगातार कोचिंग दें
जीवन में सीखना कभी बंद नहीं होता है। हर संस्थान अपने एम्प्लॉइज को ट्रेनिंग और कोचिंग देने के लिए खास व्यवस्था करती है। आपको भी टीम के सदस्यों को अवसर उपलब्ध करवाने के लिए कोशिश करनी चाहिए। टीम के सदस्यों की ग्रोथ महत्वपूर्ण है। नियमित ट्रेनिंग सेशन्स से टीम के हर सदस्य को आगे बढऩे का पूरा मिल पाता है। लगातार नई टेक्नोलॉजी के बारे में कोचिंग देने से टीम अपग्रेड रहती है और सबको फायदा होता है।