मिसफिट तो नहीं है
वर्कप्लेस पर मजबूती से काम करें। अगर आपको नई जिम्मेदारी मिसफिट नजर आती है तो आप मना कर सकते हैं। इसके लिए देखें कि आप जिस दिशा में कॅरियर चाहते हैं, उस दिशा में यह है या नहीं। हो सकता है कि जिम्मेदारी के लिए जरूरी स्किल्स आपके पास न हों या वह काम आपके व्यक्तित्व से मेल न खाता हो।
समय का खयाल रखें
अगर आपके पास समय नहीं है तो बहुत ज्यादा काम न लें। अगर आपकी लाइफ में कोई पर्सनल क्राइसिस चल रहा है या नया प्रोजेक्ट आपके कोर गोल्स को हासिल करने में बाधा पैदा कर रहा है तो इससे फायदा नहीं होगा। हर नए काम को सीखने में आपको अपनी एनर्जी खर्च करनी होगी।
कम प्रभाव तो नहीं पड़ता
हो सकता है कि आपके पास कोई जिम्मेदारी निभाने के लिए योग्यता है, पर कम प्रभाव वाली जिम्मेदारी से बचें। यदि वह प्रोजेक्ट आपकी कंपनी की सफलता के कोर में शामिल नहीं है तो उससे न जुड़ें। इससे कंपनी में कुछ महत्वपूर्ण होने पर आपको शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे प्रोजेक्ट जहां सीखने को कुछ न हो, उन्हें हाथ में न लें।
निचले स्तर का काम
कई बार आपको उस जूनियर का काम करने के लिए कह दिया जाता है, जिसने अभी-अभी कंपनी छोड़ दी है। इस बात को समझें कि आप योग्य हैं। ऐसे में किसी नए काम में समय खर्च करने से फायदा नहीं होगा। आपको ऑटोमेशन का सुझाव देना चाहिए और टीम में काम का बंटवारा करना चाहिए।
बर्नआउट न हो
मौजूदा जॉब में एक या दो साल काफी भागदौड़ भरे रहे हैं तो थोड़ा रुकना चाहिए और रेस से ब्रेक लेना चाहिए। हर साल बेस्ट एम्प्लॉई बनने की दौड़ में शामिल होने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इससे कॅरियर में बर्नआउट हो सकता है। कम डिमांड वाली प्रोफेशनल रुचि जैसे ट्रेनिंग या किसी निजी रुचि में समय लगाएं।