कॅरियर के लिहाज से स्पेस साइंस की शाखाएं
अंतरिक्ष की तरह अंतरिक्ष विज्ञान का भी कोई अंत नहीं है। इसमें कई शाखाएं हैं जिनके अध्ययन के दौरान आप उसी फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स, गैलेक्टिक साइंस, स्टेलर साइंस, रिमोट सेंसिंग, हाइड्रोलॉजी, कार्टोग्राफी, नॉन अर्थ प्लेनेट्री साइंस, बायोलॉजी ऑफ अदर प्लेनेट्स, एस्ट्रोनॉटिक्स, स्पेस कोलोनाइजेशन, कॉस्मोलॉजी, क्लाइमेटोलॉजी साइंस आदि शामिल हैं। इन शाखाओं में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है। स्पेस साइंटिस्ट के इन पदों के अलावा मेट्रोलॉजिकल सर्विस, एन्वायरन्मेंटल मॉनिटरिंग, एस्ट्रोनॉमिकल डाटा स्टडी आदि के फील्ड से जुडक़र भी बेहतर कॅरियर बनाया जा सकता है।
रोजगार के मौके
इस क्षेत्र में पढ़ाई करने के बाद कॅरियर के लिए नौकरी की कई राहें खुल जाती हैं। प्रोफेशनल को नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा), इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, नेशनल एयरोनॉटिकल लैबोरेट्री (एनएएल) आदि में विशेष पदों पर काम करने का मौका मिलता है। इनके अलावा स्पेसक्राफ्ट सॉफ्टवेयर डेवलपिंग फर्म, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, स्पेसक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग फर्म, स्पेस टूरिज्म में भी रोजगार के कई अवसर हैं। यदि आपको टीचिंग का क्षेत्र पसंद है तो यूनिवर्सिटी या संस्थानों में स्पेस साइंस प्रोफेसर के रूप में पढ़ा सकते हैं।
जरूरी योग्यता
इस क्षेत्र में बैचलर्स से लेकर पीएचडी लेवल तक के कोर्स उपलब्ध हैं। बैचलर्स स्तर की पढ़ाई करने के लिए साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथेमेटिक्स) विषय से 12वीं कक्षा पास की हो। साइंस से स्नातक होने के बाद एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन कोर्स चुन सकते हैं। इसके बाद विशिष्ट कोर्सेज में मास्टर्स व पीएचडी कर सकते हैं।
इन पदों पर कर सकते हैं काम
विभिन्न सरकारी और निजि संस्थानों में विभिन्न व विशिष्ट पदों पर काम कर सकते हैं। स्पेस साइंटिस्ट, एस्ट्रोनॉमर, एस्ट्रोफिजिसिस्ट, मैटीरियोलॉजिस्ट, क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट, रडार टेक्नीशियन, रोबोटिक टेक्नीशियन, सेटेलाइट टेक्नीशियन और जियोलॉजिस्ट आदि पदों पर कार्यरत हो सकते हैं।
यहां से ले सकते शिक्षा