बेवजह की मीटिंग्स को ना कहें
बिजनेस के दौरान आपको बहुत सी मीटिंग्स आयोजित करनी होती हैं और बहुत सी मीटिंग्स में जाना होता है। इनमें आपका बहुत समय लग जाता है और प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है। आपको चाहिए कि आप बेवजह की मीटिंग्स में ना जाएं और उनके लिए ना कह दें। आप इनमें किसी जूनियर को भी भेज सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने समय और ऊर्जा दोनों की बचत करते हैं और प्रोडक्टिविटी बढ़ाते हैं।
डू नॉट डिस्टर्ब मोड को हां कहें
आपको अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए डू नॉट डिस्टर्ब मोड को अपनाना चाहिए। अधिकतर सभी स्मार्टफोन्स में अब यह फीचर होता है। जब आप किसी खास प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हों और चाहते हों कि आपका ध्यान ना भटके तो आप इस फीचर को ऑन कर सकते हैं। इससे आप फोकस्ड रहते हैं और काम की क्वॉलिटी में भी सुधार होता है।
महत्वपूर्ण पलों का लाभ उठाएं
बिजनेस के दौरान जब आप अपने सबसे महत्वपूर्ण पलों को अपने सबसे अहम काम पर लगाते हैं, तब आप ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं। अगर आप एक निश्चित समय में ज्यादा काम करना चाहते हैं तो आपको सबसे मुश्किल काम अपने महत्वपूर्ण पलों में पूरा कर लेना चाहिए। इससे आपके बाकी के काम आराम से तय समय में पूरे हो जाते हैं और आप प्रोडक्टिव बने रहते हैं। जरूरी काम हड़बड़ाहट में करने से बचना चाहिए।
खुद को ब्रेक दें
बिजनेस के दौरान आपको खुद को छोटे-छोटे और सुनियोजित ब्रेक्स देने चाहिए। इससे आप तरोताजा हो जाते हैं और नए जोश के साथ काम करते हैं। इस तरह से आपकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है। आप रोज काम के बीच में भी खुद को कुछ मिनट का ब्रेक दे सकते हैं। आप कुर्सी से उठकर टहलने के लिए जा सकते हैं। इससे प्रोडक्टिव रहते हैं।
दूसरों की मदद लें
सुपर प्रोडक्टिव होने के लिए आपको अपने सभी काम समय पर और बेहतरीन ढंग से पूरे करने होते हैं। इसके लिए आप दूसरों की मदद ले सकते हैं। अगर आपके टीम मेंबर्स मिलकर काम करेंगे तो काम प्रभावशाली ढंग से होगा। आपको व्यक्ति को उसके योग्य काम सौंपना चाहिए। इससे आपकी और आपके स्टाफ की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
समय को ट्रैक करें
बिजनेस के दौरान अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए आपके लिए अपने समय को ट्रैक करना जरूरी होता है। चूंकि एक एंटरप्रेन्योर होने के नाते आप सब कामों के लिए जिम्मेदार होते हैं और कोई आपको किसी काम के लिए कहता नहीं है, तो आपको यह जिम्मेदारी सही ढंग से निभानी भी चाहिए। आपको अपने उस समय के लिए जवाबदेह होना चाहिए जो आप खर्च करते हैं। इस ट्रैकिंग के जरिए आप तय कर पाते हैं कि किसी काम में आपको कितना समय देना है।
जरूरतों पर ध्यान दें
कभी-कभी कोई टास्क अपने आप में ही भटकाने वाला साबित होता है। ऐसे में आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप रोजाना के अपने सबसे जरूरी कामों के लिए टू-डू लिस्ट बनाकर उन पर पूरी तरह से फोकस करें। जब एक बार आप अपने महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा कर लें, उसके बाद आप बिना किसी संकोच के सेकेंडरी कामों पर जा सकते हैं। इस तरह जरूरी कामों को पहले निपटा लेने से प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।