शोधकर्ताओं ने हीरे के बनने के बारे में एक लंबे अरसे से खड़े सवाल को सुलझाया है। ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के मैक्वेरी विश्वविद्यालय से लेखक माइकल फोस्र्टर ने कहा, एक सिद्धांत था कि हीरे के अंदर फंसे नमक समुद्री जल से आए हैं, लेकिन उनका परीक्षण नहीं किया गया था। हमारे शोध से पता चला है कि वे समुद्री तलछट से आए थे। हीरे कार्बन के क्रिस्टल हैं जो पृथ्वी की चट्टान-परतों के नीचे बहुत पुराने हिस्सों में बनते हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद एक विशेष प्रकार के मैग्मा किम्बरलाइट के साथ वे सतह पर आ जाते हैं।