योग्यता
कोई भी भाषा सीखने के लिए उच्च शिक्षा की जरूरत नहीं है। आजकल कई स्कूलों में भी कोई न कोई देशी या विदेशी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है जोकि बच्चे के भविष्य के लिए अच्छा होता है। विदेशी भाषाओं के लिए उच्च स्तर की शिक्षा के लिए विशेष संस्थान होते हैं, जहां 12वीं के बाद प्रवेश लेकर भाषा विशेष में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों से सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकता है।
जरूरी स्किल्स
जो भाषा को सीखना चाहते हैं, उसके प्रति रुचि होनी चाहिए। भाषा विशेष को सुनकर एक बार में ही आत्मसात करने की योग्यता होनी चाहिए। भाषा को उसके संदर्भ में समझ सकने का सामथ्र्य होना चाहिए। इसके साथ ही अगर आप वहां की संस्कृति और समाज के बारे में जानते हैं तो आपकी समस्या और आसान हो जाएगी।
द्विभाषिया बनें
जैसे-जैसे विश्व एक बड़े बाजार का रूप ले रहा है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग ज्यादा हो रहा है। किसी दूसरे देश में बैठा व्यक्ति मीटिंग लेता है। ऐसे में इंटरप्रेटर यानी द्विभाषिए की भूमिका निभा सकते हैं।
अनुवादक
कई व्यावसायिक संस्थानों को अपने बिजनेस पार्टनर या ग्राहकों से संवाद के लिए अनुवादकों की जरूरत पड़ती है। आप रेगुलर या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा अब कंटेंट को ट्रांसलेट करने का भी काम बढ़ा है।
विदेशों में जॉब
फ्रेंच, जर्मन और रशियन भाषाओं में मास्टर्स या पीएचडी के बाद व्यक्ति संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर आइएएस या आइएफएस में जा सकते हैं। अगर किसी को विदेशी भाषा की जानकारी अच्छी है तो उसे मौके भी अधिक मिलते हैं।
शिक्षक
अब देशी-विदेशी भाषाओं को स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में एक शिक्षक के रूप में भी इससे जुड़े रोजगार का अवसर बढ़ा है। कई संस्थान फॉरेन लैंग्वेज में कोर्स करवाते हैं। यहां लैंग्वेज टीचर के रूप में भी काम कर सकते हैं।
पर्यटन
पर्यटन आज विश्व का एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है। विदेशी भाषा के जानकार यहां गाइड आदि बनकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
कमाई
विदेशी भाषाओं के जानकारों की देशी भाषाओं के जानकारों की तुलना में अधिक कमाई होती है। इनकी शुरुआती कमाई 20-30 हजार रुपए महीने से शुरू होकर एक लाख रुपए महीने तक हो सकती है। इसके बाद अनुभव बढऩे पर पैसा और भी बढ़ सकता है।
प्रमुख संस्थान