फ्रेंचाइजी बिजनेस में टॉपिक्स पर कभी ना खत्म होने वाली चर्चा, लोगों से मिलना और नई स्ट्रेटिजी पर काम करना शामिल होता है। इन सबमें बहुत समय लग जाता है और इससे आउटपुट पर असर पड़ता है। अपने बिजनेस और अपनी टीम की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आपको बेकार के कामों को कम करना चाहिए। इसके लिए आप एक स्ट्रेटिजी का रिजल्ट जानने के लिए उस पर एक महीने से ज्यादा फोकस ना करें, मीटिंग्स को छोटा और टू-द पॉइंट रखें। इससे आपका काफी समय बचेगा जिसमें आप दूसरे जरूरी काम कर सकेंगे।
बिजनेस में 6 महत्वपूर्ण बिजनेस मेट्रिक्स होते हैं। इनमें सेल्स रेवेन्यू, नेट प्रॉफिट मार्जिन, ग्रॉस मार्जिन, सेल्स ग्रोथ ईयर-टू-डेट, कॉस्ट ऑफ कस्टमर एक्विजिशन, कस्टमर लॉयल्टी और रिटेंशन शामिल हैं। आपको इन सभी बिजनेस मेट्रिक्स में प्रयास डालने चाहिए और उतार-चढ़ावों को देखने के लिए करीब से नजर रखनी चाहिए। इन उतार-चढ़ावों को नोट करके आप उन कुछ चीजों को बेहतर बना सकते हैं या उन्हें बदल सकते हैं जो मेट्रिक्स में खलल डाल रही हैं। इससे आपका बिजनेस लगातार आगे बढ़ता रहेगा।
अपने फ्रेंचाइजी बिजनेस को सही तरह से आगे बढ़ाने के लिए आप जितना ज्यादा हो सके उतना काम आउटसोर्स करें। इन लोगों को आपको एक एम्प्लॉई से कम पैसा देना होगा और यह काम भी पूरी ईमानदारी व जिम्मेदारी से करेंगे जिससे आपको फायदा ही होगा।
आरओआई यानी रिटर्न ऑफ इन्वेस्टमेंट को सामने आने में थोड़ा समय लगता है। इसके लिए आपको धैर्य रखना होता है और मार्केट की चाल के हिसाब से अपने बिजनेस में जरूरी बदलाव करने पड़ते हैं। खुद दूसरी जगहों पर जाने के बजाय फ्रेंचाइजी मॉडल के जरिए ही एक्सपेंशन प्लान करें ताकि सबकुछ सही ढंग से चलता रहे।
फ्रेंचाइजी बिजनेस को रफ्तार देने के लिए आपको अपनी योजना के हिसाब से ही चलना चाहिए और सबसे पहले सबसे जरूरी कामों को पूरा करना चाहिए। साथ ही आपने अपने कस्टमर्स से जिस क्वालिटी का वादा किया है, उसे पूरा करना चाहिए। अगर आप एम्प्लॉइज में निवेश कर रहे हैं तो उन्हें उनकी जिम्मेदारियां सौंपें और उन्हें अच्छी तरह से समझाएं कि आप उनसे क्या चाहते हैं ताकि वह आपकी उम्मीदों पर खरे उतर सकें।