सप्लाई चेन का हिस्सा बने
देश में जो डेयरी प्रोडेक्ट स्टार्टअप चल रहे हैं उनका कस्टमर बेस धीमा है। इसका प्रमुख कारण उनका ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है। आप ऐसे स्टार्टअप के लिए एक बेहतर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की शुरुआत कर सकते हैं। आपको किसी वाहन को खरीदने की आवश्यकता नहीं है। लीज पर वाहन लेकर, जीपीएस डिवाइज का प्रयोग कर आप अच्छा ट्रांसपोर्ट सिस्टम डवलप कर सकते हैं।
पार्टनरशिप में करें शुरुआत
डेयरी प्रोडेक्ट से जुड़े स्टार्टअप में इंवेस्टमेंट अधिक होता है। इसलिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप इस सेक्टर में बिजनेस की शुरुआत पार्टनरशिप में करें। एग्रीकल्चर से जुड़े इस सेक्टर में सरकारी और निजी बैंक ऋण भी उपलब्ध कराती हंै। इस सेक्टर की ग्रोथ दूसरे स्टार्टअप की अपेक्षाकृत धीमी है इसलिए अधिक ब्याज वाला ऋण आपके मुनाफे को कम कर सकता है।
हाईटेक डेयरी फॉर्म
डेयरी प्रोडेक्ट के फील्ड के वर्किंग कल्चर को समझने के लिए आप कमर्शियल डेयरी फार्मिंग के कोर्सेज से शुरुआत कर सकते हंै। सेंट्रल गर्वमेंट और कई स्टेट गवर्नमेंट की यूनिवर्सिटी इस तरह के शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कार्सेज करवाती हैं, जहां ऑटोमेटेड हाई टेक डेयरी फॉर्म की शुरुआत करने से लेकर उसे मैनेज करना तक सिखाया जाता है। गौरतलब है कि डेयरी फॉर्म खोलने के लिए सरकारी ऋण की सुविधा भी मिलती है।
ऐसे प्रोडेक्ट की मांग है सर्वाधिक
जिन प्रोडेक्ट की सप्लाई चैन डायरेक्ट है और होम डिलीवरी है उन्हें अधिक पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा बीते दो वर्षों में नॉर्थ इंडिया के टियर 1 और टियर 2 सिटीज में भैंस के साथ गाय के दूध से बनने वाले प्रोडेक्ट की मांग भी 16-17 फीसदी तक बढ़ी है। इसलिए सिर्फ काऊ मिल्क वाले प्रोडेक्ट का स्टार्टअप भी अच्छा ऑप्शन है। राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में 100 से अधिक ऐसे काऊ फार्म हैं, जहां से आपको काऊ मिल्क आसानी से मिल सकता है। यहां आप अपने स्टार्टअप की शुरुआत आसानी से कर सकते हैं।