रोशन को गूगल ने बगहंटर, हॉल ऑफ फेम में दुनिया में 40वें और इंडिया में थर्ड पोजिशन दी है। रोशन ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने गूगल और फेसबुक के लिए बग निकालने की शुरुआत की थी और अब तक 20 से ज्यादा बग्स के लिए रिवॉर्ड मिल चुका है। वे खुद सिक्योरिटी स्टार्टअप भी चलाते हैं। रोशन के अनुसार, टेक कंपनियां प्रोडक्ट्स को बेहतर बनाने के लिए बगबाउंटी प्रोग्राम चलाती हैं। दुनियाभर के हैकर समय-समय पर कमी ढूंढक़र उन्हें बग के बारे में सूचित करते हैं और रिवॉर्ड पाते हैं।
सबडोमेन लिंक पर भी क्लिक न करें
रोशन का कहना है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट का दायरा बढऩे से आजकल यूजर की सिक्योरिटी बेहद इम्पॉर्टेंट हो गई है। इसके लिए यूजर की भी स्मार्टनेस जरूरी है। फेसबुक मैसेंजर पर भेजे जाने वाले किसी भी अनट्रस्टेड या इनसिक्योर लिंक पर क्लिक न करें। भले ही वह गूगल के सबडोमेन लिंक जैसा ही क्यों न हो। यह लिंक में गूगलडॉट कॉम भी शो कर सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यह सिक्योर है। इसके साथ ही फेसबुक पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर रखना चाहिए।
वहीं स्मार्टफोन में थर्ड पार्टी एप को इंस्टॉल किए जाते वक्त परमिशन को ध्यान से पढ़ें, यदि एप फोटो, कैमरा, कॉन्टेक्ट्स, रिकॉर्डर, डॉक्स वगैरह समेत सभी चीजों की परमिशन मांगता है, तो ध्यान रखें कि आपके फोन का पूरा डेटा एक्सेस एप कर सकता है। इसलिए बेहद जरूरी न हो, तब तक एप को परमिशन न दें, इससे अच्छा तो ऐसी एप का इस्तेमाल ही न करें।