यह भी पढ़ें: ट्रेन दुर्घटना में गंवाए थें हाथ और दोनों पैर यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले दिव्यांग सूरज तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल में हुई। उन्होंने वर्ष 2011 में हाईस्कूल परीक्षा एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से तथा 2014 मे इंटरमीडिएट परीक्षा संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण की, वह बीएससी कर रहे थे तभी 24 जनवरी 2017 को दादरी गाजियाबाद में हुई एक ट्रेन दुर्घटना में घुटनों से दोनों पैर तथा कोहनी दाया हाथ व बाएं हाथ की दो उंगलियां गवा बैठे थे। काफी गंदा खर्च करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी लगातार वह शिक्षा अध्ययन करते रहे 2021 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली से बीए किया। एमए की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। बचपन से ही लग्नशील होनहार सूरज तिवारी आईएएस की तैयारी करने के लिए लगातार 18 घंटे तक पढ़ते थे। 2017 को उनके बड़े भाई राहुल तिवारी का निधन हो गया जिससे वह मायूस हो गए। पिता की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के बावजूद भी उनकी पढ़ाई जारी रखी।
पिता ने दिन रात सिलाई कर नहीं टूटने दिया सूरज का हौसला सूरज तिवारी के पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं। उनके पिता सिलाई कर परिवार का भरण पोषण करते हैं, बेहद तंगी के बावजूद भी राजेश तिवारी ने अपने बेटे की इच्छा अनुसार उसे प्रेरित करते हुए व्यवधान नहीं आने दिया और उसका हौसला बनाए रखा, जिसका परिणाम आज सूरज ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।
सूरज तिवारी के तीन भाई व एक बहन सूरज तिवारी तीन भाई एक बहन थे जिनमें से बड़े भाई राहुल तिवारी की 25 मई 2017 को मृत्यु हो गई। छोटा भाई राघव तिवारी बीएससी कर रहा है छोटी बहन प्रिया बीटीसी कर रही है। मां आशा देवी ग्रहणी तथा पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं।
26 साल की उम्र में बन गए आईएएस सूरज तिवारी ने जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फैलोशिप) उत्तीर्ण किया हैं। नेट रशियन लैंग्वेज ऑप्शनल के रूप में समाजशास्त्र चुना था। सूरज तिवारी साढे 26 साल की उम्र में ही आईएएस बन गए। सूरज तिवारी की जन्म तिथि 17 नवंबर 1996 है।