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उज्जैन के मास्टर प्लान पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और विधायकों ने क्यों ली आपत्ति, सिंहस्थ के लिए क्यों हैं महत्वपूर्ण

मास्टर प्लान-2035 को लेकर वीडियो कान्फे्रंसिंग से सुनवाई हुई, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व विधायक जैन और परमार सहित अन्य शामिल हुए, कई सवाल उठे

महूAug 27, 2022 / 09:26 pm

aashish saxena

What is the connection between Ujjain Master Plan and Simhastha

मास्टर प्लान-2035 को लेकर वीडियो कान्फे्रंसिंग से सुनवाई हुई, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व विधायक जैन और परमार सहित अन्य शामिल हुए, कई सवाल उठे

उज्जैन. मास्टर प्लान में जीवनखेड़ी, सावराखेड़ी और दाउदखेड़ी सहित सिंहस्थ बायपास से लगी जमीनों को आवासीय करने का एक सूर में विरोध हुआ है। अभा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज सहित जनप्रतिनिधि व अन्य लोगों ने प्रस्ताव पर आपत्ति लेते हुए उक्त भूमि को सिंहस्थ के लिए सुरक्षित करने का कहा। साथ ही क्षिप्रा नदी से कम से कम २०० मीटर तक ग्रीन बेल्ट घोषित करने की भी मांग की है।

शहर के प्रस्तावित मास्टर प्लान २०३५ को लेकर शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग हुई। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्रपुरी महाराज सहित विधायक पारस जैन, महेश परमार, पूर्व निगम सभापति सोनू गेहलोत, पार्षद सत्यनारायण चौहान, सतीष मालवीय, उमेश चौहान आदि शामिल हुए। एक-एककर सभी के दावे-आपत्ति सुने गऐ। अधिकांश लोगों ने सावराखेड़ी, दाउदखेड़ी व जीवनखेड़ी की जमीन को आवासीय नहीं करने की बात कही। हरिद्वार से ऑनलाइन जुड़े अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उक्त गांव की जमीन को आवासीय नही करते हुए सिंहस्थ क्षेत्र में आरक्षित किया जाए। क्षिप्रा नदी के दोनों किनारों को 200 की बजाय अब 300 मीटर ग्रीन बेल्ट करने का प्रस्ताव रखा। विधायक जैन भी उक्त भूमि को आवासीय नहीं करने के साथ क्षिप्रा नदी से २०० मीटर तक ग्रीन बेल्ट घोषित करने का कहा। सोनू गेहलोत ने कहा कि जब महाकाल मंदिर के लिए सौ वर्ष का मास्टर प्लान बनाया जाता है तो फिर सिंहस्थ के लिए हम वर्ष २०२८ तक ही क्यों विचार कर रहे हैं। भविष्य में किन भूमियों की जरूरत पड़ सकती है, उन्हें अभी से चिन्हित किया जाए। गेहलोत ने भी उक्त जमीनों को आवासीय करने पर आपत्ति लेने के साथ सिंहस्थ अधिसूचित ऐसे स्थान जहां मेला नहीं लग रहा है, उन्हें मुक्त करने का कहा। चौहान ने नदी किनारे ही सिंहस्थ लगे, इसके लिए उक्त जमीन को खाली रखने का कहा।

सुनवाई नहीं हुई तो भोपाल जाएंगे

अधिकृत रूप से वीसी समाप्त होने के कुछ मिनट बाद तक जनप्रतिनिधि व अन्य आवेदक ऑनलाइन जुड़े रहे। इस दौरान अनौपचारिक चर्चा में यह भी कहा कि यदि उनकी आपत्तियों को नहीं माना जाता है तो सभी लोग भोपाल चलकर कड़ा विरोध जताएंगे। कई लोगों ने इस पर सहमति जताते हुए भोपाल चलने की बात कही।

ऑनलाइन सुनवाई को खानापूर्ति बताया

शहर का भविष्य तय करने वाले मास्टर प्लान की ऑनलाइन वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सुनवाई करने का शुरू से विरोध हो रहा है। इसके बावजूद वीसी से हुई सुनवाई पर भी कई लोगों ने आपत्ति ली। तराना विधायक महेश परमार ने कहा कि सिंहस्थ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है और इससे हमारी आस्था जुड़ी है। सिंहस्थ को लेकर वीडियो कान्फ्रें सिंग से सुनवाई कर महज खानापूर्ति की जा रही है। उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया। वीसी में उन्होंने सिंहस्थ में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या का हवाला देकर सावराखेड़ी की जमीन खाली रखने, नदी का ग्रीन बेल्ट २०० से बढ़ाकर २५० मीटर करने का प्रस्ताव दिया। पार्षद रवि राय ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुनवाई में असमर्थता जताई। उन्होंने व्यक्तिगत उपस्थित रहकर सुनवाई करने की इचछा जताई। अन्य लोगों ने भी वीसी प्रक्रिया पर असंतोष जताया है।

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